इंदौर (Indore)। यह पहला मौका है जब बीच वित्त वर्ष में कलेक्टर गाइडलाइन का विशेष पुनरीक्षण कार्य पंजीयन विभाग द्वारा किया जा रहा है। पिछले दिनों 3 जुलाई से 25 जुलाई तक सभी जिला पंजीयक कार्यालयों के साथ-साथ जनता से भी सुझाव मांगे गए थे। लगभग 150 आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिसे 15 अगस्त तक अंतिम रूप देकर केन्द्रीय मूल्यांकन समिति यानी भोपाल को भेज दिया जाएगा। इसमें लगभग 4 दर्जन नई कालोनियां भी शामिल हैं, जिन्हें अप्रैल या उसके बाद मंजूरी मिली, तो वर्तमान गाइडलाइन में भी कुछ त्रुटियां हैं, उन्हें ठीक करेंगे।
हर साल जो गाइडलाइन तैयार की जाती है उसकी प्रक्रिया जनवरी माह से शुरू होकर मार्च अंत तक खत्म होती है और फिर 1 अप्रैल से पूरे वित्त वर्ष के लिए नई गाइडलाइन लागू हो जाती है। मगर बीते एक साल से इंदौर के रियल इस्टेट कारोबार में तेजी आई है, जिसके चलते महानिरीक्षक पंजीयन के निर्देश पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने उप जिला मूल्यांकन समितियों को निर्देश दिए कि गाइडलाइन का विशेष पुनरीक्षण किया जाए। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि इस संबंध में सभी उप पंजीयकों की बैठक लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया और गाइडलाइन दरों को तर्क संगत और युक्ति संगत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अभी कई क्षेत्र हैं जहां बाजार दर और गाइडलाइन में बड़ा अंतर है, जिसके चलते नौकरीपेशा या अन्य लोगों को बैंक लोन में परेशानी आती है। लिहाजा ऐसे क्षेत्रों की गाइडलाइन बढ़ सकती है। वहीं अप्रैल के बाद कई नई कॉलोनियों को मंजूरी मिली। लिहाजा उनकी गाइडलाइन भी तय होना है। ऐसी लगभग 49 कालोनियों की सूची तैयार हुई है। श्री शर्मा के मुताबिक 15 अगस्त तक इस संशोधित गाइडलाइन को अंतिम रूप देकर भोपाल मंजूरी के लिए भेज देंगे।
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