नई दिल्ली । जीएसटी परिषद की आज बैठक होने जा रही है। यह बैठक हंगामेदार होने की संभावना बन रही है। क्योंकि, गैर-भाजपा शासित राज्य, जीएसटी लागू करने की वजह से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र की मोदी सरकार पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने के लिए तैयार हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गुरुवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वीं बैठक होगी जिसमें इस कर व्यवस्था के लागू होने से राज्यों के राजस्व में हुए नुकसान की भरपायी के लिये मुख्य रूप से चर्चा होगी। वर्चुअल हो रही बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि शामिल है। वहीं, इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज होने वाली ये जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक है। बैठक का एकमात्र एजेंडा राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई है। बताया जा रहा है इस बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि आदि शामिल हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में कपड़ा, जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी (तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल) पर ज्यादा दर से कराधान को ठीक करने पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ गयी हैं। बैठक से पहले विपक्षी दलों के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को इस मामले में साझा रणनीति तैयार करने के लिये डिजिटल तरीके से बैठक की थी।
बतादें कि केंद्र सरकार टू व्हीलर्स पर जीएसटी दर को कम करने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वयं इसके संकेत दिए हैं । गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल टू-व्हीलर वाहनों पर टैक्स की दरों पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री की जीएसटी रेट को कम करने की मांग पर ध्यान दिया जाएगा।
जीएसटी घटाने के सुझाव पर वित्त मंत्री का कहना रहा है कि ये वास्तव में एक अच्छा सुझाव है, इसे GST काउंसिल की बैठक में उठाया जाएगा, क्योंकि टू-व्हीलर न तो लग्जरी आइटम है और न ही नुकसानदेह आइटम। इस वक्त टू-व्हीलर पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद ये माना जा रहा है कि त्योहारों से पहले टू-व्हीलर्स सस्ते हो सकते हैं। वाहन सस्ते होने के बाद इनकी मांग में तेजी आने की संभावना की आशा की जा सकती है।
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