लखनऊ। कोरोना संकट के बावजूद उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ ली है। दिसम्बर 2019 के मुकाबले दिसम्बर 2020 में प्रदेश को 2522.50 करोड़ रुपए अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। सूबे के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि जुलाई से नवम्बर की अवधि में आर्थिक गतिविधियों के बेहतर होने का सिलसिला दिसम्बर 2020 में भी जारी रहा।
वित्त मंत्री खन्ना ने बताया कि कोरोना की वजह से पटरी से उतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने अब रफ्तार तेज कर दी है। उन्होंने बताया कि प्रमुख कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दिसम्बर माह में कुल 12530.70 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, वर्ष 2019-20 के दिसम्बर 10,008.20 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार दिसम्बर 2020 में 2522.50 करोड़ का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
श्री खन्ना ने बताया कि दिसम्बर 2020 में कर व करेत्तर राजस्व के सभी प्रमुख मदों में पिछले दिसम्बर के सापेक्ष अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के मद वित्तीय वर्ष 2020-21 के दिसम्बर में कुल 4255.96 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि वर्ष 2019-20 के दिसम्बर में 3679.08 करोड़ मिला था। इस तरह जीएसटी में रिकॉर्ड 576.88 करोड की वृद्धि हुई।
मंत्री ने बताया कि इसी तरह वैट में 198.84 करोड़, आबकारी में 1042.90 करोड़, स्टाम्प-निबंधन में 399.12 करोड़, परिवहन में 183.05 करोड़ तथा भूतत्व एवं खनिकर्म में 121.71 करोड़ रुपये अधिक राजस्व आया है।
श्री खन्ना का कहना है कि वित्त वर्ष के बाकी तीन महीनों में और अच्छी प्रगति के आसार हैं।
यह रही राजस्व प्राप्ति की तुलनात्मक स्थिति (करोड़ रुपये में)
मद – दिसम्बर 2019-20 की प्राप्ति – दिसम्बर 2020-21 की प्राप्ति
1-जीएसटी – 3679.08 – 4255.96
2- वैट – 2072.13 – 2270.97
3- आबकारी – 2106.14 – 3149.04
4-स्टाम्प-निबंधन – 1422.92 – 1822.04
5-परिवहन – 551.39 – 734.44
6-भूतत्व-खनिकर्म – 176.54 – 298.25
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