भोपाल। प्रदेश की राजधानी के लोगों को वायु प्रदूषण से कुछ राहत मिली है। मौसम बदलने के कारण वातावरण में धूल, कार्बन डाइआक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन डाइआक्साइड के कणों का स्तर कम हुआ है। इस वजह से हवा में प्रदूषण की स्थिति बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स बुधवार सुबह 11 बजे 154 पर पहुंच गया। ये कण वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होते हैं। दीपावली के दौरान व दीपावली के आठ दिन पहले तक इन कणों का स्तर वातावरण में अधिक था। इस वजह से इंडेक्स 300 तक चला गया था। इंडेक्स का स्तर 300 से अधिक होने पर प्रदूषण को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। ऐसे वातावरण में रहने वाले बुजुर्ग, बच्चे व मरीजों को खतरा बढ़ जाता है। इंडेक्स 50 तक या उससे नीचे होता है, तब हवा साफ या स्वच्छ मानी जाती है। बता दें कि मौसम वैज्ञानियों के अनुसार भोपाल में 12 नवंबर तक अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री था जो सामान्य था और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री था जो सामान्य से दो डिग्री कम था। इसके बाद मौसम का मिजाज अचानक बदलता गया। 13 नवंबर को अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री व न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री पर पहुंच गया था। इसके बाद से लगातार न्यूनतम तापमान 17 से 18 डिग्री के बीच ही चल रहा है। मौसम शुष्क होने व धूप की स्थिति में प्रदूषण फैलाने वाले कण हल्के होकर जमीन की सतह से उपर वातावरण में फैल जाते हैं, इसलिए प्रदूषण का स्तर निचली सतह पर कम हो जाता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व सदस्य हरभजन शिवहरे बताते हैं कि प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ है, बल्कि मौसम की वजह से वातावरण में निचले स्तर पर उनके कणों का स्तर कम और अधिक होता रहता है। प्रदूषण को कम करने के लिए सभी विभाग मिलकर प्रयास कर रहे हैं। इसमें समय लगेगा। पुराने वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए। सड़कें बार-बार न उखड़े, कच्ची सड़कों को जल्दी पक्का कर दें, सड़कों के किनारे पेविंग ब्?लॉक्?स लगाकर प्रदूषण को स्थाई रूप से कम कर सकते हैं।
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