नदिया: पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद भी हिंसा का कहर जारी है. नदिया जिले में कथित तौर पर एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करने पर एक व्यक्ति को उसके घर से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला गया. मृतक का नाम खबीर शेख (48) है. नादिया के नकाशीपारा बीरपुर में घटना को लेकर इलाके में काफी तनाव है.
पारिवारिक व स्थानीय सूत्रों के अनुसार रात में अचानक 10-12 लोगों का गिरोह घर में घुस आया. वे घर के अंदर आये. खबीर तब घर पर थे. वह खा रहे थे. कथित तौर पर, उन्होंने खबीर को पकड़ लिया और घर से बाहर खींच लिया, आरोप है कि पिछवाड़े में उसे जमकर पीटा गया.
घर के अन्य सदस्यों की चीख-पुकार पर जब तक स्थानीय लोग दौड़े, तब-तक बदमाश भाग गए. खबीर की नाक से खून निकलने लगा. उसे बचाया गया और गंभीर हालत में बेथुआधारी ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने खबीर को मृत घोषित कर दिया.
10-12 लोगों घुसकर पीट-पीटकर मार डाला
परिवार के सदस्यों का कहना है कि खबीर बस खाना खाने बैठा था. तभी 10 से 12 लोग घर में घुस आये. इसके बाद पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन कर रहे व्यक्ति को आंगन में खींचकर बांस और डंडे से जमकर पीटा गया. चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी दौड़ पड़े, लेकिन तब-तक देर हो चुकी थी.
मृतक के परिवार ने दावा किया कि प्रत्येक हमलावर और अपराधी सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में थे. शुक्रवार की रात नदिया के नकाशीपाड़ा थाना बीरपुर. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर गयी.
मृतक खबीर के बेटे समीउल शेख ने शिकायत की, तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों ने पहले ही पंचायत चुनाव के दौरान एक स्वतंत्र उम्मीदवार का समर्थन करने पर उनके पिता को जान से मारने की धमकी दी थी. शुक्रवार रात जब पिताजी खाना खा रहे थे, तो उन्हें हमारे पिछवाड़े में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया. इससे पिता की मौत हो गई.”
राजनीतिक हिंसा में अब तक 57 की मौत
घटना पर तृणमूल ने अफसोस जताया है. हालांकि, नदिया जिला तृणमूल अध्यक्ष नसीरुद्दीन लाल ने दावा किया कि पार्टी का कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल नहीं था. उन्होंने कहा, ”कोई भी मौत दर्दनाक होती है. लेकिन हर मौत के साथ राजनीति को न जोड़ा जाए तो बेहतर है. ”तृणमूल ऐसे जघन्य कृत्यों से जुड़ी नहीं है.”
बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव के नामांकन के समय से ही हिंसा जारी है और अब चुनाव समाप्त होने के बाद भी रंजिश से हिंसा हो रही है. विरोध करने वालों पर हमले किये जा रहे हैं. राजनीतिक हिंसा में बंगाल में अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है.
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