नई दिल्ली। देश में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण (Corona infection) का खतरा धीरे-धीरे और पैर पसारता जा रहा है। पिछले साल जिस तरह से कोरोना ने अपना कहर बरपाया था उसी तरह इस बार फिर कोरोना नए रूप में दूसरी बार लहर बनकर आया है। अभी कई रााज्यों में हालत ऐसे है कि लॉकडाउन भी बेअसर साबित हो रहा है। इसी बीच सरकारें इस वायरस को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर टीकाकरण (Vaccination) करवा रहीं हैं। वहीं मध्यप्रदेश और पंजाब (Madhya Pradesh and Punjab) जैसे राज्य टीकाकरण में पीछे छूट रहे हैं।
यह आकड़े गत दिवस रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) की अध्ययन शाखा ने जारी करते हुए बताया कि 11 अप्रैल तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और गुजरात में देश के 66 प्रतिशत मामले हैं। पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 75 प्रतिशत था।
इन आकड़ों से पता चलता है कि नए राज्य इसी इस भीषण बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, हालांकि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा उसी अनुसार राज्यों ने भी अपने यहां बचाव के लिए व्यवस्था कर टेस्टिंग की क्षमता का बढ़ा दिया है।
अध्ययन के अनुसार जांच में इजाफा भी नए मामले बढ़ते हुए नजर आने की एक वजह हो सकता है। लेकिन इस बार कुल जांच में संक्रमित 10.6 प्रतिशत मिल रहे हैं, जबकि पिछली बार सितंबर 2020 में यह संख्या 6.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार गुजरात व छत्तीसगढ़ दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए नये राज्य हैं। हालांकि यहां टीकाकरण भी सबसे ज्यादा हुआ है। दूसरी ओर टीकाकरण में पंजाब व मध्यप्रदेश पीछे छूट रहे हैं।
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