नई दिल्ली. अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति (Former President) डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) सहित कई कद्दावर नेताओं (Leaders) की हत्या की साजिश (conspiracy) का भंडाफोड़ हुआ है. कहा जा रहा है कि अमेरिका में हाई प्रोफाइल किलिंग को अंजाम देने की स्क्रिप्ट ईरान (Iran) में लिखी गई थी और इसके लिए पाकिस्तान (Pakistan) के एक शख्स को हायर किया गया था.
न्याय विभाग के मुताबिक, मर्चेंट एक खास मकसद से पाकिस्तान से अमेरिका गया था. लेकिन अमेरिका पहुंचने से पहले उसने कुछ समय ईरान में बिताया था. आसिफ जून में न्यूयॉर्क गया था, जहां उसे इन हाई प्रोफाइल हत्याओं की सुपारी देने के लिए एक शख्स से मिलना था. आसिफ ने इसके लिए दो सुपारी किलर्स को 5000 डॉलर की पेमेंट भी की थी. लेकिन जिन्हें सुपारी दी गई, वे असल में अंडरकवर एजेंट थे.
ट्रंप पर हुए हमले को लेकर अब आई Alien वाली थ्योरी
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुपारी के बाद जैसे ही आसिफ ने अमेरिका से रवाना होने की कोशिश की, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन रवाना होने से पहले उसने किलर्स से कहा था कि पाकिस्तान पहुंचने के बाद वह उन लोगों के नाम उजागर करेगा, जिनकी हत्या की जानी है. सूत्रों के मुताबिक, न्याय विभाग ने आसिफ पर आरोप लगाते समय ट्रंप के नाम का उल्लेख नहीं किया गया. लेकिन जिन लोगों को निशाना बनाया जाना है, उनमें ट्रंप शामिल हैं.
बता दें कि अमेरिकी प्रशासन को जैसे ही ट्रंप की हत्या की ईरानी साजिश का पता चला, उन्होंने ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी. रिपोर्ट्स में अदालती दस्तावेज के हवाले से बताया है कि आसिफ मर्चेंट ने 2020 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए अमेरिकी नेताओं की हत्या की साजिश रची है.
ट्रंप पर हुआ था जानलेवा हमला?
अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में पिछले महीने एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान ताबड़तोड़ गोलियां चली थी. इस दौरान एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली थी. ट्रंप के कान से खून छलछला उठा, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था. वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया.
ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स (Thomas Matthew Crooks) के तौर पर की गई थी. थॉमस पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग का रहने वाला था. वह घटनास्थल से बेमुश्किल 70 किलोमीटर की दूरी पर रहता था. उसके पास सेमी-ऑटोमैटिक एआर-15 राइफल थी, इसी राइफल से उसने ट्रंप को निशाना बनाकर रैली में हमला किया था.
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