नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका से फैले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (New Variants Omicron) ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इस नए वैरिएंट को कुछ महीनों पहले पूरी दुनिया में तबाही मचा चुके डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है, क्योंकि ओमिक्रॉन में अब तक 50 म्यूटेशन हो चुके हैं, हालांकि कोरोना वायरस (corona virus) के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे के बीच अब यह भी दावा किया जा रहा है कि यह डेल्टा वैरिएंट से कम खतरनाक है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथोनी फाउसी ने कहा कि अभी तक ऐसा लगता है कि यह अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन हमें सावधान रहने की जरूरत है।
दूसरी तरफ यूरोप में पांच से 14 साल आयुवर्ग के बच्चों में कोरोना संक्रमण दर सबसे तेज हो रहा है। यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को दी है। वहीं, पूरे डेनमार्क में ओमिक्रोन वैरिएंट फैल गया है और उसका सामुदायिक संक्रमण हो चुका है।
जबकि डेनमार्क के स्वास्थ्य विभाग (health department of denmark) ने मंगलवार को कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट पूरे देश में फैल गया है और अब इसके सामुदायिक संक्रमण की स्थिति पैदा हो गई है। डेनमार्क में ओमिक्रोन के अब तक 398 मामले मिले हैं।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या मौजूदा कोरोना वैक्सीन इस नए वैरिएंट पर असरदार होंगी? इस बीच ब्रिटिश कंपनी मॉडर्ना (Moderna) ने कहा है कि मौजूदा वैक्सीन के ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी रहने की आशंका है। फाइजर की वैक्सीन ओमिक्रॉन वैरिएंट पर दूसरे वैक्सीन के मुकाबले कम इम्यूनिटी देता है। यह खुलासा दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने किया है। डरबन में अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में किए गए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि ओमिक्रॉन के मरीज़ों में लगाया गया फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech vaccine) एसई शॉट लेने वाले लोगों में एंटीबॉडी बनाने के स्तर में लगभग 40 गुना कमी आई है।