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    Gujarat शिक्षा विभाग के सर्वे में खुलासा, राज्य में प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था बदहाल

  • July 24, 2021

    गांधीनगर/अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के गुजरात मुख्यमंत्रित्व काल (Gujarat Chief Minister) में राज्य सरकार (state government) ने गुणोत्सव कार्यक्रम शुरू किया था। गुणोत्सव 2.0 के तहत में प्रदेश के कुल 30 हजार 681 प्राथमिक विद्यालयों का सर्वे किया गया। इस सर्वे रिपोर्ट में राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बदहाली (Despair in the state’s education system) का दावा किया गया है। राज्य में ए प्लस ग्रेड में केवल 14 स्कूल आए हैं

    शुक्रवार को आई इस आकलन रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य के सरकारी स्कूलों की पढ़ाई बद से बदतर होती जा रही है। जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार ग्रामीण इलाकों के करीब हजार सरकारी प्राइमरी स्कूल बंद कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब छात्रों का पढ़ने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही हैं। गुणोत्सव 2.0 का औसत परिणाम 57.84 प्रतिशत है।


    गुणोत्सव 2.0 के सर्वे में प्रदेश के कुल 30 हजार 681 प्राथमिक विद्यालयों को शामिल किया गया। अब तक के आठ गुणोत्सव सर्वे के परिणाम अच्छे आए थे। लेकिन वर्ष 2019 में गुणोत्सव की पद्धति में बड़ा बदलाव किया गया था। गुणोत्सव 2.0 में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की खराब गुणवत्ता उजागर हुई। सर्वे को कुल चार भागों में विभाजित किया गया था, पहले भाग में अध्ययन और शिक्षण शामिल है, जिसमें इकाई परीक्षण, कक्षा का वातावरण और अध्ययन और शिक्षण प्रक्रियाएं शामिल हैं। दूसरे, स्कूल क्षेत्र में स्कूल की उपस्थिति, प्रबंधन और सुरक्षा शामिल है। तीसरा, संसाधनों में पुस्तकालय का उपयोग, प्रौद्योगिकी का उपयोग, दोपहर का भोजन और पानी के साथ-साथ शौचालय की सुविधा और चौथा, प्रार्थना, खेल, प्रतियोगी परीक्षाओं में भागीदारी सहित सह-शैक्षिक गतिविधियों सहित विभिन्न गतिविधियाँ शामिल है।

    सर्वे में अपनाई गई ग्रेडिंग प्रणाली में 0 से 25 प्रतिशत परिणाम में डी ग्रेड, 26 से 50 प्रतिशत परिणाम में सी ग्रेड, 51 से 75 प्रतिशत में बी ग्रेड, 75 से 85 प्रतिशत में ए ग्रेड देने का निर्णय लिया गया। ग्रेड 86 से 100 प्रतिशत, जिसमें गुजरात के सरकारी स्कूलों का औसत बी ग्रेड के साथ 57.84 प्रतिशत है। यूनिट टेस्ट के बाद, शिक्षकों को उन छात्रों के लिए उपचारात्मक कार्य करना थाए जो विषय में कमजोर हैं, लेकिन मेरिट 2.0 के परिणाम के अनुसार, राज्य के 76 फीसदी स्कूलों में उपचारात्मक शिक्षा नहीं थी।

    दरअसल, गुजरात के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में किस तरह की शिक्षा दी जाती है और स्कूलों का बुनियादी ढांचा क्या है। छात्रों के अध्ययन और शिक्षकों के अध्यापन का स्तर की जानकारी करने के लिए गुणोत्सव सर्वे कराया जाता है। (एजेंसी, हि.स.)

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