कानपुर। कानपुर में फर्जी इनवॉइस जारी करने वाली कंपनी रिच ग्रुप (rich group)और रिच उद्योग (rich industry) के मालिकों ने अपने कई चपरासियों को बोगस कंपनियों का डायरेक्टर बना रखा (Appointed peons as directors of bogus companies) था। इस बात का खुलासा आयकर विभाग(Income tax department) की संयुक्त टीमों के छापों के बाद चल रही जांच में हुआ है।
फर्जी बिलिंग (bogus billing) की पुष्टि के बाद विभाग ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अभिनेता सोनू सूद (Sonu sood) द्वारा लखनऊ के इन्फ्रास्ट्रक्चर समूह में निवेश (Invest in Lucknow’s Infrastructure Group) के लिए भी रिच समूह के जरिये फर्जी बिल जारी (Fake bills issued through Rich Group) किए गए।
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ के इन्फ्रास्ट्रक्चर समूह में अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने संयुक्त उद्यम अचल संपत्ति परियोजना में निवेश किया है। यह निवेश कर चोरी और बिलिंग में गड़बड़ी करके किया गया है। जांच में पता चला है कि ग्रुप फर्जी बिलिंग में शामिल है।
65 करोड़ की फर्जी बिलिंग के साक्ष्य मिले हैं। डिजिटल डाटा इंट्री, स्क्रैप की बिक्री में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है। जयपुर स्थित कंपनी में 175 करोड़ के लेनदेन का पता चला है। तलाशी के दौरान 1.8 करोड़ रुपये का कैश मिला है। 11 लॉकर जब्त किए गए हैं। जांच अभी भी जारी है। 28 परिसरों में जांच, कर चोरी के सबूत, एफसीआरए का उल्लंघन भी इस संबंध में सीबीडीटी की प्रवक्ता सौरभी अहलूवालिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता सोनू सूद और इन्फ्रास्ट्रक्चर कारोबार में लगे लखनऊ के समूह के मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम स्थित 28 परिसरों जांच की। इसमें कर चोरी से जुड़े अहम दस्तावेज और गलत तरीके से फंड डायवर्ट करने के साक्ष्य मिले हैं। 20 लोगों ने इसे स्वीकार भी किया है। बोगस कंपनियों के जरिये बोगस लोन दिखाए गए हैं। नकदी के बदले फर्जी बिलिंग की गई। अभिनेता की ओर से स्थापित चैरिटी फाउंडेशन ने एक अप्रैल 2021 तक 18.94 करोड़ रुपये का दान जुटाया है। इसमें से 1.9 करोड़ खर्च किए हैं, जबकि 17 करोड़ बिना इस्तेमाल के खाते में हैं। चैरिटी फाउंडेशन ने विदेशी योगदान अधिनियम (एफसीआरए) के नियमों का उल्लंघन करते हुए क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी दानदाताओं से 2.1 करोड़ भी जुटाए हैं।