उज्जैन/ नागदा। मप्र के अनुसूुचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विष्णुकुमार समाज सेवा स्मृति में दिए जाने वाले एक लाख सम्मान राशि के पुरस्कार के लिए चार वर्षों तक मापदंडों के अनुरूप चेहरे नहीं मिले। यह खुलासा हाल में एक सूचना अधिकार में हुआ। इस पुरस्कार के लिए आंमत्रित प्रविष्टियों को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता बंटू बोडाना चंद्रवंशी निवासी नागदा ने आयुक्त अनुसूचित जाति विकास, राजीव भवन श्यामला हिल्स भोपाल से जानकारियां मांगी थी।
प्राप्त प्रमाणित अभिलेखों की प्रतियां बंटू बोडाना ने सोमवार को हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता नागदा को उपलब्ध कराई है। इन अभिलेखों में स्पष्ट उल्लेख कि समाजसेवी विष्णु कुमार की स्मृति में अनुसूचित जाति समुदाय के क्षेत्रों में निस्वार्थ सेवा के उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों-समाजसेवी को पुस्कार दिया जाता है। जिसने परंपरागत तरीकों से हटकर संपूर्ण मप्र में नवाचार किया हो। पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां मांगी गई थी। आमंत्रित प्रविष्टियों में वर्ष 2012 से वर्ष 2015-16 में कोई भी आवेदक विचार योग्य नहीं पाया गया। पुरस्कार के लिए 16 मई 2016 को भी विज्ञप्ति जारी की गई थी।
चयन के लिए गठित 6 सदस्यों की टीम
इन प्रमाणित अभिलेखों में यह भी बताया गया कि गठित जूरी में कुल 06 लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें ज्ञानसिंह मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अध्यक्ष थे। बतोैर सदस्य प्रमुख सचिव मप्र शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, रामसजीवन सेवानिवृत आई.ए.एस. भोपाल, विजय आनंद कुरिल सेवानिवृत आई.ए.एस. जबलपुर, गुलाब चंद रिछारिया , सरदार पटेल स्कूल के पास शहडोल एवं दीपाली रस्तोगी आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मप्र को शामिल किया गया। बैठक में गुलाबचंद रिछारिया को छोडक़र सभी उपस्थित हुए। इन अभिलेखों में खुलासा किया गया कि उक्त चार वर्षो के लिए कोई भी आवेदक विचार योग्य नहीं पाया गया। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय के आरटीआई में प्रमाणित इस अभिलेख पर प्रमुख सचिव अशोक शाह मप्र शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, आयुक्त दीपाली रस्तोगी अनुसूचित जाति विकास, सेवा निवृत आई.ए.एस रामसजीवन एवं विजय आनंद सेवान निवृत के हस्ताक्षर है। इन दस्तावेजों की प्रति हिंदुस्थान समाचार संवाददाता के सुरक्षित है।
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