भोपाल। कोरोना संक्रमण में उपचुनाव की तैयारियों पर भी संक्रमण का असर रहेगा। चुनाव आयोग ने कोविड गाइडलाइन भी जारी कर दी है। एक हजार से कम की संख्या पोलिंग बूथ पर चुनाव कराने के लिए सहायक मतदान केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है। खास बात यह कि इस बार चुनाव के लिए होने वाली ट्रेनिंग पहली बार ऑनलाइन होगी। उपचुनाव के लिए बनाए जाने वाले विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और नोडल अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोग ट्रेनिंग दिया जाएगा। इस बार मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग के लिए नहीं आएंगे।
भोपाल में होती थी ट्रेनिंग
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार इस बार वीडियो कांफ्रेंस के ही माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी। आमतौर पर पहले विधानसभा चुनाव में भोपाल ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था और अधिकारियों को अपने-अपने बैच अनुसार भोपाल भेजा जाता था। लोकसभा चुनाव में यहां मास्टर ट्रेनर आकर रिटर्निंग अधिकारियों को ट्रेनिंग देते थे। अब यहां के रिटर्निंग ऑफिसरों को ऑनलाइन ट्रेंनिंग लेना होगी।
इसलिए नहीं आएगी ज्यादा परेशानी
रिटर्निंग ऑफिसर बनाए जाने वाले ऑफिसर पहले भी रिटर्निंग ऑफिसर रह चुके होते हैं, इसलिए उन्हें निर्वाचन के नियम व गाइडलाइन पता रहते हैं। ट्रेनिंग का महत्व इतना होता है कि नए नियमों को जान जाएं और गाइडलाइन एक बार रिफ्रेश हो जाए। अनुभवी रिटर्निंग अधिकारियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग से सभी चीजों के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
बूथ बढ़ाकर कम करेंगे भीड़
कोविड संक्रमण के दौरान चुनाव कराना भी बड़ी चुनौती होगा। उपचुनाव को लेकर पोलिंग बूथों को बढ़ाया जा रहा है, जिससे एक बूथ पर ज्यादा भीड़ न हो। जिस पोलिंग बूथ 1200 से 1400 तक के वोटर के थे उन्हें एक हजार की सीमा के अंदर किया जा रहा है।
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