नई दिल्ली । आदर्श नगर इलाके (Adarsh Nagar area)के आजादपुर गांव(Azadpur Village) में बेहद शर्मनाक घटना(very shameful incident) सामने आई है। यहां एक युवक ने पेंशन के पैसों(The youth used his pension money) के लिए अपने 93 वर्षीय दादा की छड़ी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान भोजराज के तौर पर हुई है। वह थल सेना में हवलदार थे। उन्होंने 1962 और 1965 की जंग में भी देश की सेवा की थी। पुलिस के मुताबिक, वारदात गत सोमवार की है। बुजुर्ग का पोता फरार है।
तलाश में जुटी पुलिस
जानकारी के अनुसार, भोजराज थल सेना से 1985 में अवकाश ग्रहण करने के बाद आजादपुर गांव में रह रहे थे। बुजुर्ग ने अपने दोनों बेटों सुरेश और जयवीर के लिए अलग-अलग मकान बनाया था। दोनों बेटे आसपास के मकानों में रहते थे जबकि बुजुर्ग एक कमरे में अकेले रहते थे। बुजुर्ग की देखभाल की जिम्मेदारी जयवीर के परिवार पर थी।
सुरेश का बेटा प्रदीप नशे का आदी है। वह अपनी पत्नी एवं तीन बच्चों को छोड़कर एक अन्य महिला के साथ लिव इन में रहता है। बताया जाता है कि भोजराज अपनी पेंशन का आधा हिस्सा छोटे बेटे जयवीर और आधा प्रदीप की पहली पत्नी को देते थे। पहली पत्नी एटा स्थित पैतृक गांव में रहती थी। प्रदीप का कहना था कि पेंशन उसे दी जाए, लेकिन भोजराज ने पेंशन देने से साफ मना कर दिया था। इसी बात से आरोपी नाराज हो गया।
निर्वस्त्रत्त् और लहूलुहान मिले
दोपहर में छोटा बेटा जयवीर भोजन लेकर आया। उसने अपने पिता को निर्वस्त्रत्त् एवं घायल हालत में पाया। उसने तुरंत पुलिस एवं एम्बुलेंस को सूचना दी। फिर घायल को बीजेआरएम अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जांच में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदीप सोमवार दोपहर को दादा भोजराज के कमरे में गया। पहले उसने खूब अपशब्द कहे। इसके बाद दादा को निर्वस्त्रत्त् कर दिया। फिर जिस छड़ी के सहारे बुजुर्ग चलते थे, उसी से प्रदीप ने बुरी तरह से पिटाई करनी शुरू की। वह उन्हें लहूलुहान करने के बाद कमरे से चला गया। घटना के बाद से प्रदीप इलाके से फरार हो गया। पुलिस ने बुधवार को शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। साथ ही, इंस्पेक्टर संजीव कुमार की टीम आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है।
1962,1965 की लड़ाई में भाग लिया था
भोजराज ने चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हुई लड़ाई में भी भाग लिया था। बड़े बेटे सुरेश ने बताया कि 1962 में पिता जी अरुणाचल प्रदेश जंग में हिस्सा लेने गए थे। फिर 1965 में राजस्थान सीमा पर पाकिस्तान से लड़ाई में शामिल हुए थे। इस सेवा के दौरान भोजराज को कोई मेडल भी मिले।
मोबाइल बंद कर फरार आरोपी
जांच से जुड़े अधिकारी ने बताया कि प्रदीप वारदात के बाद नत्थूपुरा में अपनी लिव इन पार्टनर के पास आया। उसने हत्या करने की जानकारी दी और साथ चलने के लिए कहा। जब महिला ने मना कर दिया तो वह फोन बंदकर फरार हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक सूचना के अनुसार बुराड़ी इलाके में आरोपी छिपा हुआ है। फिलहाल आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जा रही है।
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