इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। पांचवी और आठवीं (fifth and eighth) की परीक्षा का परिणाम 2 दिन पहले शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार (Education Minister Inder Singh Parmar) ने भोपाल में एक साथ जारी किया था। 24 लाख विद्यार्थियों का ऑनलाइन परिणाम जारी होने से सर्वर ओवरलोड (server overload) होने से क्रश भी हो गया। इतना ही नहीं, जो परिणाम जारी हुए अधिकांश मार्कशीट में विषय और नंबर दोनों स्थानों पर जीरो-जीरो या डॉट डॉट आ रहा है। यानी विभाग ने बिना तैयारी के परिणाम जारी किया। 48 घंटे बीतने के बाद भी मेरिट सूची का इंतजार बना हुआ है, वहीं शिक्षकों के सामने परेशानी यह आ रही है कि छात्र अपना परिणाम जानने स्कूल पहुंच रहे हैं तो त्रुटि वाली मार्कशीट शिक्षक छात्रों को बताने में संकोच कर रहे हैं। कुल मिलाकर परिणाम तो जारी किया, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र इसमें फेल हो गया।
पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा तकरीबन 13 साल बाद शुरू की गई थी। इसके पीछे राज्य शिक्षा केंद्र बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता को निखारना चाहता था, साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि सभी 24 लाख बच्चों के परिणाम एक साथ जारी किए जाएंगे। 2 सप्ताह की देरी से 15 मई को शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने भोपाल में परीक्षा परिणाम जारी किया। सर्वर पर एक साथ लोड बढऩे से वह क्रश हो गया, जिसके कारण आधे छात्र भी अपना परिणाम नहीं देख पाए। स्कूल और बीआरसी स्तर पर शिक्षक ऑनलाइन मार्कशीट अपलोड कर रहे हैं तो मार्कशीट में भी बड़ी गलतियां सामने आ रही हैं। अधिकतर मार्कशीट में विषय और अंक के स्थान पर जीरो जीरो या डॉट डॉट तो कुछ छात्र अनुपस्थित भी नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर राज्य शिक्षा केंद्र की ऑनलाइन परिणाम जारी करने की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है। परिणाम जारी होने के 2 दिन बाद भी छात्रों को परिणाम का इंतजार बना हुआ है और इसे दुरुस्त करने में लंबा समय लग सकता है।
संख्या ज्यादा, तैयारियां कमजोर
राज्य शिक्षा केंद्र 24 लाख बच्चों की बहुत बड़ी संख्या उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन अंक ऑनलाइन दर्ज कराने की तैयारियां भी कमजोर रही। इसके साथ ही इतनी बड़ी संख्या में पहली बार ऑनलाइन मार्कशीट बिना तैयारी के जारी करने का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। विभाग की किरकिरी भी हुई है। कुल मिलाकर बिना तैयारी के शिक्षा विभाग का यह कदम छात्रों पर भारी पड़ा है।
शुरुआत से ही गलतियां
उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय सर्वर डाउन होने के कारण शिक्षक पोर्टल पर अंक दर्ज करने की समस्याओं से उलझे रहे। शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज भी कराई, लेकिन इसको गंभीरता से नहीं लिया गया। अब ऑनलाइन मार्कशीट ठीक से तैयार नहीं हो पाई।
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