इंदौर (Indore)। प्रदेश में सरकार बनाने में भाजपा अब किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है। टिकट को लेकर चल रही लड़ाई में कहीं पार्टी का नुकसान न हो जाए, इसको लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। प्रदेश की सभी 230 विधानसभाओं में संगठन की मजबूती की रिपोर्ट तैयार करने के बाद अब संभागीय स्तर पर दूसरे प्रदेशों के संगठन के नेताओं को चुनाव होने तक यहीं तैनात किया जा रहा है। इंदौर-उज्जैन संभाग की 66 सीटों की जवाबदारी गुजरात के संगठन महामंत्री रत्नाकर को सौंपी हैं। कल उन्होंने इंदौर आते से ही जिले के पदाधिकारियों से चर्चा की।
उत्तरप्रदेश के रहने वाले रत्नाकर कुशल संगठन माने जाते हैं और उनके पास कभी काशी और गोरखपुर का प्रभार था, तब वे सहसंगठन मंत्री थे। गुजरात चुनाव के पहले उन्हें संगठन महामंत्री बनाकर भेजा गया था। अब उन्हें इंदौर और उज्जैन संभाग की 66 सीटों की जवाबदारी दी गई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को दोनों ही संभागों में नुकसान उठाना पड़ा था। इसमें इंदौर की 37 सीटों में से 11 तो उज्जैन की 29 सीटों में से 17 सीटें भाजपा के पास है। यानि यहां की बची हुई सीटों पर भाजपा की जीत का परचम फहराना उनके लिए चुनौती साबित होगा। कल दीनदयाल भवन में उन्होंने नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की मुख्य कार्यकारिणी, मंडल अध्यक्ष, मोर्चा अध्यक्ष-महामंत्री, मंडल संयोजक, विधानसभा प्रभारियों का परिचय लिया। उन्होंने शक्ति केन्द्र और बूथ प्रभारियों को मजबूत करने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि वे इनकी भी बैठक लेंगे। इसके लिए मंडल और वार्ड स्तर की बैठकों की तैयारी करके रखें, मंै जल्द ही बैठक लेने आऊंगा। रत्नाकर इंदौर में दीनदयाल भवन में ही रहेंगे और यहीं से पार्टी की गतिविधियों को संचालित करेंगे।
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