नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Indian Government) और ट्विटर (Twitter) के बीच जारी विवाद अब थमता नजर आ रहा है. ट्विटर के प्रवक्ता (Twitter Spokeperson) ने कहा है कि ट्विटर पहले भी और अब भी भारत सरकार के नियमों को लेकर प्रतिबद्ध रहा है और सार्वजनिक बातचीत की महत्वपूर्ण भूमिका को निभाता रहा है. हमने भारत सरकार (Indian Government) को सुनिश्चित किया है कि ट्विटर(Twitter) , सरकार(Government) द्वारा बनाई गई सभी गाइडलाइंस का पालन (Will follow all guidelines) करेगा और इस संबंध में आगे के जो भी निर्णय होंगे, उसे समय-समय पर सरकार तक पहुंचाते रहेंगे. हमलोग आगे भी भारत सरकार के साथ रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे.
इससे पहले सरकार ने अपने नोटिस में कहा था कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट में भारत के प्रति प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती. नोटिस में कहा गया था कि ‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर एक ऐसा तंत्र विकसित करने से कतराती रही है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी व उचित प्रक्रिया से समाधान में मदद मिलती.’
प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था. इस श्रेणी में उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है.
केन्द्र सरकार ने ट्विटर को भेजे गए नोटिस में यह भी कहा था कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है. उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है. यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे एक मध्यम के रूप में दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी. साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा. नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया था कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है.
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