हजारों नागरिक हैं परेशान…सो रहा प्रशासन
सिंगापुर टाउनशिप रोड अंडरब्रिज को लेकर कलेक्टर, डीआरएम, महापौर से मिलने पैदल जाएंगे लोग
इंदौर। सिंगापुर टाउनशिप (Singapore township) के पास बने रोड अंडरब्रिज (Under Bridge) की चौड़ाई बढ़ाने को लेकर रेलवे ने अब तक स्थिति साफ नहीं की है। इधर, मौजूदा ब्रिज की लंबाई बढ़ाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस हफ्ते कभी भी ब्रिज वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है। क्षेत्रीय रहवासियों ने तय किया है कि ब्रिज की चौड़ाई नहीं बढ़ाई गई तो वे जल्द ही रेल प्रशासन के विरोध में पैदल मार्च निकालकर महापौर, सांसद, कलेक्टर और रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) से मिलने जाएंगे।
रेल प्रशासन ने 5 जुलाई तक सिंगापुर टाउनशिप रोड अंडरब्रिज को वाहनों के आवागमन के लिए बंद किया हुआ है। रेलवे देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण के तहत वहां ब्रिज की लंबाई बढ़ा रहा है, क्योंकि अब ब्रिज के ऊपर से एक नहीं, तीन रेल लाइन गुजरेंगी। रहवासियों का कहना है कि केवल लंबाई बढऩे से वाहन चालकों की परेशानियां और बढ़ेंगी। एक बोगदे में दोनों तरफ का वाहन नहीं गुजर पाएगा और दोनों दिशाओं के वाहन आमने-सामने आकर फंस जाएंगे। इसलिए बोगदे की चौड़ाई बढ़ाना जरूरी है, ताकि आने-जाने वाहन अलग-अलग बोगदे से गुजर सकें। इलाके के विधायक से लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि इस मसले को उठाने के लिए तैयार नहीं है। सांसद शंकर लालवानी ने भी एक पत्र लिखकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली।
जाम का खौफ… 2 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे में होती है तय
देवास रोड पर बनी सिंगापुर टाउनशिप के हजारों रहवासी नारकीय जीवन भोगने पर विवश हैं। यहां की एक दर्जन से अधिक कालोनियों में आने-जाने के लिए एकमात्र अंडरपास पर पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य जारी है। रास्ता बंद होने के कारण कैलोदहाला रेलवे क्रासिंग से कांकड़ होते हुए आना-जाना पड़ता है, जिसके चलते सुबह-शाम भारी जाम लग जाता है। हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि मात्र 2 किलोमीटर का सफर तय करने में 2 घंटे तक का समय लग जाता है। दूसरी ओर मार्ग भी इतना खराब है कि जगह-जगह गड्ढे व पथरीली जमीन के कारण यहां से गुजरने वाले लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। गौरतलब है कि रेलवे के अंडरपास पर पहले सिंगल लाइन थी, जिसे डबल लाइन किया जा रहा है। कई दिनों से अंडरपास बंद कर निर्माण कार्य जारी है, जिसके चलते अंदर कालोनी में जाने के लिए सिर्फ दो ही रास्ते हैं। एक मांगलिया डिपो से व दूसरा कैलोद हाला से कांकड़ वाला रास्ता। जहां मांगलिया डिपो जाने वाला रास्ता 8 से 10 किलोमीटर लंबा पड़ता है, वहीं कांकड़ वाला रास्ता बेहद जटिल है। बड़े-बड़े गड्ढों और पत्थरों के चलते लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस मार्ग पर इस कदर जाम लगता है कि मात्र 2 किलोमीटर का रास्ता तय करने में डेढ़ से 2 घंटे का समय लग जाता है।
कल फिर किया आंदोलन
अपनी मांगों का निराकरण न होता देख इलाके के लोगों ने रविवार को फिर ब्रिज के आसपास इक_ा होकर आंदोलन किया। इस दौरान आगे की रणनीति तय करते हुए अफसरों और जनप्रतिनिधियों तक मौन मार्च निकालने की बात तय की गई। यह भी कहा गया कि मार्च में शामिल लोग अपने हाथों में तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात जिम्मेदारों तक पहुंचाएंगे।
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