नई दिल्ली। अक्टूबर माह की शुरुआत से ही प्रदूषण (Pollution) की समस्या से जूझ रही दिल्ली को अब कुछ राहत मिली है। ये राहत हवा की गति बढ़ने के कारण मिली है। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण और धुंध पहले की तुलना में कुछ कम हुए हैं। हालांकि वायु गुणवत्ता (Air Quality) अब भी खराब श्रेणी में ही बनी हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार को खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सरकारी एजेंसियों ने कहा कि कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी में आ सकता है। दिल्ली में एक्यूआई का 24 घंटे का औसत 244 दर्ज किया गया।
बता दें कि वायु गुणवत्ता स 0 से 50 के बीच ‘अच्छी’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है। युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत दिल्ली में जारी ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ (Red Light on Gaadi Off) अभियान को जन आंदोलन में बदलने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने कमर कस ली है। वाहनों के प्रदूषण (Pollution) को कम करने के लिए अब सरकार 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान को जमीनी स्तर पर शुरू कर रही है और इस दौरान प्रवर्तन की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वहीं प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) ने अपने कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए बनाए गए नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। मेट्रो के निर्माण स्थलों पर किसी भी तरह की कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। इसके लिए मेट्रो की ओर से निरीक्षण टीमें बनाई गई हैं। इस अभियान में निरीक्षण टीमें मेट्रो के निर्माण स्थलों का दौरा करेंगी और प्रबंध निदेशक डॉ मांगू सिंह स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं।
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