भोपाल। प्रदेश में सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वार्ड आरक्षण का काम जिलों में तेजी के साथ चल रहा है। इसी के तहत भोपाल नगर निगम के 85 वार्डों के आरक्षण की घोषणा कर दी गई है। यहां 29 अगस्त को वार्डों के आरक्षण होंगे। बताया जा रहा है कि दिसंबर या जनवरी में ये चुनाव कराए जा सकते हैं। आगामी नगरिय निकाय के आम निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में मप्र नगर पालिका (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम 1994 के अंतर्गत नगर पालिका निगम भोपाल के सभी 85 वार्डों का आरक्षण 29 अगस्त को दोपहर 3 बजे से होगा। गांधी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम हॉल में यह आरक्षण होगा। कोविड 90 के प्रभाव को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने हेतु गांधी मेडिकल कॉलेज के हॉल में सीमित संख्या में प्रवेश रहेगा। ऑडिटोरियम के बाहर टीवी स्क्रीन पर आरक्षण की कार्रवाई देखी जा सकती है।
सीमा में परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार नगरीय निकायों की सीमा में परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है। कमल नाथ सरकार ने जिन 22 नगर परिषदों को अधिसूचना निरस्त करके ग्राम पंचायत बना दिया था, उन्हें फिर से नगर परिषद बनाया जा चुका है। इन निकायों की मतदाता सूची बनाने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने कलेक्टरों को जो आदेश दिए थे, वे स्थगित कर दिए गए हैं। शिवराज सरकार ने पिछले कार्यकाल में विभिन्न पंचायतों को मिलाकर 22 नगर परिषद बनाई थीं। कांग्रेस सरकार ने आते ही राजनीतिक दृष्टिकोण से इस फैसले को निरस्त कर दिया था। वहीं, नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली में भी बदलाव करके महापौर और नपा व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद के माध्यम से करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया था। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इसका विरोध किया था। पुन: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अधिनियम में फिर से संशोधन करके पुरानी व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया अंतिम दौर में
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब अध्यादेश के माध्यम से अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय सरकार लेगी। वार्ड आरक्षण अंतिम चरण में वहीं, नगरीय निकाय चुनाव को लेकर परिसीमन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। अधिकांश निकायों के परिसीमन को सत्ता में परिवर्तन के बाद निरस्त किया जा चुका है। भोपाल नगर निगम के दो हिस्से करने सहित अन्य निकायों के परिसीमन के प्रस्ताव राजभवन से वापस बुलाए जा चुके हैं। वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि निकायों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी करके राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना भेज दी जाएगी। इसके बाद आयोग तय करेगा कि उसे कब चुनाव कराने हैं।
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