लंदन। कोरोना वायरस को लेकर पिछले 8 माह से लगातार शोध चल रहे है। वस्तुओं पर कितने दिन तक यह वायरस रह सकता है, इसकी सही जानकारी अभी तक कोई नहीं दे पाया है। लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान संस्था के शोध में दावा किया गया है कि नोट और फोन की स्क्रीन पर लगभग 28 दिनों तक कोरोना वायरस जिंदा रह सकता है।
शोधकर्ताओं ने तीन अलग-अलग तापमान पर अंधेरे में कोरोना वायरस के जीवित रहने का परीक्षण किया। जिससे पता चला कि तापमान के ज्यादा गर्म होने की स्थिति में कोरोना वायरस के जीवित रहने की दर कम हो गई। वैज्ञानिकों ने पाया कि 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर कोरोना वायरस चिकनी सतह जैसे फोन की स्क्रीन पर बहुत ज्यादा मजबूत हो गया। उन्होंने बताया कि ग्लास, स्टील, प्लास्टिक, बैंक नोट पर कोरोना वायरस 28 दिनों तक जीवित रह सकता है। इसके अलावा, 30 डिग्री सेल्सियस पर उसका जिंदा रहने का समय घटकर सात दिन हो गया। जबकि 40 डिग्री सेल्सियस पर कोरोना वायरस मात्र 24 घंटे तक जीवित रह सका।
शोधकर्ताओं का कहना है कि छेदवाली सतह जैसे कॉटन पर कोरोना वायरस सबसे कम तापमान पर 14 दिनों तक जिंदा रह सकता है। जबकि सबसे ज्यादा तापमान पर 16 घंटे तक जीवित रह सकता है। शोधकर्ताओं ने शोध के दौरान अलग-अलग सामग्री पर टेस्ट से पहले वायरस के ड्राइंग सैंपल को शामिल किया गया। इस दौरान अति संवेदनशील प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए पाया गया कि जीवित वायरस के अंश कोशिका संवर्धन को संक्रमित करने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि इसका ये मतलब नहीं है कि वायरस की तादाद किसी को संक्रमित कर पाने में सक्षम होगी। अगर कोई शख्स इन सामग्रियों के प्रति लापरवाह है और उनको छूता है और फिर आपके हाथों को चूमता है या आंखों या नाक को छूता है तो उसके संक्रिमत होने की पूरी संभावना है, और वह दो सप्ताह तक संक्रमित हो सकता हैं। सतह को छुने से भी लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे है।
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