आज प्लास्टिक (plastic) दिन पर दिन हमारे लिए एक खतरा बनता जा रहा है। फिर चाहे बात हमारे स्वाथ्य की हो या फिर पर्यावरण के लिए। हर रोज देश में हजारों टन प्लास्टिक (plastic) निकलता है जो पानी और पर्यावरण के साथ-साथ लोगों के लिए भी खतरा बना हुआ है, हालांकि आद कई तरह के प्लांट लग गए जो कचरा को रीसाइक्लिंग (recycling) किया जा रहा है। फिर इससे निजात पाने के लिए देश दुनिया के वैज्ञानिक अभी रिसर्च करने में लगे हुए हैं।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गाय के पेट में एक ऐसा एंजाइम (Enzyme) होता है, जो एक खास तरह के प्लास्टिक को पिघला सकता है या रिसाइकिल कर सकता है। यानी भविष्य में प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकिल करने के लिए गाय के पेट में मिलने वाले इस खास रसायन का उपयोग किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि गाय के पेट में जो रसायन होता है, उससे पॉलीइथाइलीन टेरेप्थेलेट से बनने वाली सोडा की बोतलें, खाने के पैकेट और सिथेंटिक फैब्रिक को आसानी से तोड़ा, पिघलाया और रिसाइकिल किया जा सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा के शोधकर्ताओं के अनुसार गाय के पेट के सबसे बड़े हिस्से रयूमन (Rumen) में बनने वाले एक तरल पदार्थ में बहने वाला माइक्रोब होता है, जो गाय और भेड़ों के पेट में पाया जाता है। यह माइक्रोब रयूमन में पैदा होता है. यह किसी भी तरह के PET प्लास्टिक को पचाने में सक्षम होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गाय बहुत ज्यादा घास और शाकाहारी चारा खाती है। इससे उसके शरीर में प्राकृतिक पॉलिस्टर उत्पादित होता है, जिसे कटिन (Cutin) कहते हैं। PET प्लास्टिक में भी यही रसायन होता है। कटिन पेड़-पौधों के बाहरी हिस्से में मौजूद क्यूटिकल्स से निकलने वाला वैक्स जैसा पदार्थ होता है।
विएना स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेचुरल रिसोर्सेस एंड लाइफ साइंसेस में सीनियर साइंटिस्ट डोरिस रिबिट्श कहते हैं कि कटिन से ही फलों और सब्जियों में चिकनाहट और चमक आती है। जैसे टमाटर या सेब के बाहरी छिलके वाले हिस्से में देखें तो पता चलता है कि इनके ऊपर कटिन की परत चढ़ी होती है। जैसे ही कोई फंगस या बैक्टीरिया इन फलों या सब्जियों पर हमला करता है, ये कटिन एक खास तरह का एंजाइम छोड़ने लगते हैं।
इस एंजाइम को कटिनेसेस कहते हैं ये कटिन को हाइड्रोलाइज कर देते हैं. यानी ये तत्काल तरल पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं. जिससे फंगस या बैक्टीरिया सिर्फ एक हिस्से तक सीमित होकर रह जाते हैं. डोरिस रिबिट्स कहते हैं कि उन्होंने कटिनेसेस एंजाइम को माइक्रोब्स से अलग करने में सफलता पाई है. बाद में उन्होंने देखा कि गाय के पेट में यही एंजाइम होता है, जो किसी भी तरह के PET पॉलीस्टर को पचा सकता है।
डोरिस ने कहा कि गाय बहुत ज्यादा मात्रा में पेड़-पौधे खाती हैं इसलिए उसके पेट में ऐसे माइक्रोब्स का मिलना संभव है, जो प्लास्टिक पचाने वाले एंजाइम कटिनेसेस बनाते होंगे। 2 जुलाई को फ्रंटियर्स इन बायोइंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च स्टडी के मुताबिक गाय के रयूमेन से मिले माइक्रोब न सिर्फ PET को गला सकते हैं, बल्कि, पॉलीबुटीलीन एडिपेट टेरेप्थेलेट और पॉलीइथाइलीन फूरानोएट को भी गला सकते हैं।
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