सिंगापुर (Singapore) । भारत और चीन में(new coal-fired plants) लगने और ऑस्ट्रेलिया में प्रति व्यक्ति कॉर्बन डाइऑक्सइट (carbon dioxide) का स्तर वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक होने की वजह से जी-20 देशों में 2015 के बाद से कॉर्बन उत्सर्जन का 7 फीसदी बढ़ गया है। इसमें चीन सबसे आगे और इसके बाद भारत का नंबर है, जहां इस अवधि में क्रमश: 30 फीसदी और 29 फीसदी उत्सर्जन बढ़ा है।
जी-20 शिखर सम्मेलन से ऐन पहले पर्यावरण समूह एम्बर की तरफ से मंगलवार को जारी शोध नतीजों के मुताबिक, समूह के सात सदस्यों चीन, ब्राजील, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका ने चरणबद्ध तरीके से कोयले का उपयोग बंद करने पर अभी कोई योजना नहीं बनाई है। एम्बर वैश्विक स्तर पर स्वच्छ बिजली के इस्तेमाल पर जोर देता है।
जी-20 सम्मेलन की तैयारियों के बीच कृषि मंत्रालय की तरफ से हैदराबाद में जी-20 देशों की एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण उपजी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करना है। 4 से 6तक चलने वाली कार्यशाला में इस पर मंथन जारी है कि जलवायु चुनौतियों से बेअसर कृषि कृषि दक्षता कैसे हासिल की जा सकती है।
कार्यशाला में दुनियाभर के विशेषज्ञों को साथ लाकर जलवायु परिवर्तन से निपटने में देशों के कौशल और दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सहयोग और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसमें वक्ता वैज्ञानिक कृषि खाद्य प्रणालियों में अनिश्चितता दूर करने के लिए नवीन समाधान तलाशने पर मंथन कर रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया था जो जलवायु समुत्थान कृषि अनुसंधान आवश्यकताओं और नवोन्मेष पर केंद्रित था।
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