• img-fluid

    रिसर्च: प्रदूषित हवा ने गर्भावस्था में घोंट दिया 45 हजार शिशुओं का गला

    December 02, 2022

    रिसर्च: प्रदूषित हवा गर्भ में घोंट रही शिशुओं का गला, 45 हजार बने काल का ग्रास

    नई दिल्ली। हवा (air) में मौजूद सूक्ष्म दूषित पीएम2.5 कण (Micro contaminant PM2.5 particles) गर्भ में पल रहे शिशुओं (unborn babies) का गला घोंट रहे हैं। भारत (India) समेत दुनिया के 137 देशों (137 countries) में गर्भ में ही मृत 45 हजार शिशुओं पर अध्ययन के बाद ये खुलासा हुआ है। चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी (Peking University of China) के वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया में इस तरह का यह पहला शोध है जो नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है।

    शोध में शामिल देशों में वर्ष 2015 के दौरान 20.9 लाख बच्चे दुनिया में आने से पहले ही काल का ग्रास बन गए थे। इनमें से 9.50 लाख बच्चों की मौत की बड़ी वजह हवा में मौजूद दूषित कण पीएम2.5 था। इसी तरह, 2010 में 23.1 लाख और 2019 में 19.3 लाख शिशु जन्म से पहले ही मारे गए थे। 1998 से 2016 तक चले शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि दूषित हवा अधिक उम्र की महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के जीवन के लिए अधिक खतरनाक बन रही है।


    40 फीसदी मौतों की वजह पीएम2.5 कण
    रिपोर्ट के अनुसार जिन 45 हजार शिशुओं पर शोध हुआ, उनमें से 40 फीसदी मौतों का कारण हवा में मौजूद पीएम2.5 कण था। अधिक उम्र में गर्भ धारण करने की स्थिति में गर्भावस्था के दौरान मां के सूक्ष्म कण की चपेट में आने से जोखिम और बढ़ जाता है। शिशु की जान जाने की आशंका अधिक रहती है।

    ऐसे गला घोंट रही है दूषित हवा
    गर्भवती दूषित हवा के संपर्क में आती है तो गर्भनाल के जरिए वो कण नवजात तक पहुंचते हैं। इससे भ्रूण की सेहत प्रभावित होती है। मां का शरीर गर्भ में पल रहे भ्रूण या शिशु को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं पहुंचा पाता है, जिससे गर्भ के भीतर ही शिशु का दम घुट जाता है।

    सटीक कारण का अनुमान कठिन
    शोध में कहा गया है कि पीएम2.5 कण कैसे शिशुओं की जान पर भारी पड़ रहा है, इसका अनुमान लगाना कठिन है। संभावना जताई गई है कि मां के दूषित हवा के संपर्क में आने से गर्भनाल के जरिए दूषित हवा विकसित हो रहे भ्रूण को प्रभावित करती है, जो मौत की वजह हो सकती है।

    बच सकती है लाखों शिशुओं की जान
    हवा में मौजूद दूषित कण का स्तर 10 प्रति क्यूबिक मीटर से कम हो तो हर साल 7.10 लाख शिशुओं की जान बच सकती है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2021 में किए गए एक शोध में सामने आ चुका है कि दुनियाभर में हर साल 8.30 लाख नवजात बच्चों की अकाल मौत का कारण दूषित हवा है।

    बचाव के पांच वैज्ञानिक सुझाव
    1. दुनियाभर में स्वच्छ हवा के लिए कड़ा कानून बनाना होगा
    2. बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए
    3. घर या दफ्तर के भीतर एयर प्यूरीफायर की व्यवस्था हो
    4. हवा की गुणवत्ता खराब होने पर गर्भवती बाहर न निकलें
    5. गर्भवती के नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था बेहतर हो

    Share:

    भारत ने LAC पर तैनात किया सुखोई, सीमा में घुसने वाले चीनी ड्रोनों की अब खैर नहीं

    Fri Dec 2 , 2022
    नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) पूर्वोत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control- LAC) पर चीनी ड्रोन की गतिविधियों (Chinese drone activities) के बाद अलर्ट मोड पर आ गई है। भारत हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले ड्रोन को रोकने के लिए सुखोई लड़ाकू विमानों (Deployed Sukhoi fighter jets) को तैनात कर […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved