आजकल की खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट की वजह से लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियां तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहीं हैं। इन बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए एक खास शोध किया गया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस शोध में पुरुषों में पाए जाने वाले सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का इस्तेमाल किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के जरिये पुरुषों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की बहुत ज्यादा कमी होती है, उन्हें इसके सप्लीमेंट देकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक (Heart attack and stroke) के खतरे से बचाया जा सकता है।
इस शोध को पूरा करने में 10 साल का समय लगा। दस साल तक की गई इस स्टडी को यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी (European Association of Urology) कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया है। ये स्टडी टेस्टोस्टेरोन की कमी वाले लोगों पर की गई थी। इस शोध में जर्मनी और कतर के 800 से अधिक उन पुरुषों को शामिल किया गया जिनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी थी। टेस्टोस्टेरोन की कमी से पुरुषों में भूख में कमी, डिप्रेशम, यौन इच्छा में कमी और वजन बढ़ना जैसे समस्याएं होती हैं।
शोध के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ले रहे 412 पुरुषों में से 16 की मौत किसी अन्य कारण से हुई। वहीं दूसरी ओर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ना लेने वाले 393 पुरुषों में से 70 पुरुषों की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई। इनमें से 59 की मौत का कारण हार्ट स्ट्रोक था।
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने वाले पुरुषों में कई अन्य स्वास्थ्य (Health) संबंधी सुधार भी देखे गए। कुछ पुरुषों का बढ़ा वजन कम हो गया, कुछ की कमजोर मांसपेशियां ठीक हुईं, उनके कोलेस्ट्रॉल के स्तर में और लिवर में सुधार हुआ। इतना ही नहीं, हाई ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से इनका डायबिटीज भी कंट्रोल में रहा।
कतर स्थित हमाद मेडिकल कॉरपोरेशन के प्रोफेसर उमर अबूमारजौक का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी (testosterone therapy) लेने वाले समूह में हृदय संबंधी समस्याएं नहीं पाई गई हैं। इससे ये स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से पुरुषों में हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि सभी दिल संबंधी मरीजों को टेस्टोस्टेरोन थेरपी दी जानी चाहिए। टेस्टोस्टेरोन थेरेपी केवल उन मरीजों को दी जानी चाहिए जिनमें इसका स्तर बहुत ज्यादा कम हो।
प्रोफेसर उमर अबूमारजौक का कहना है कि अगर टेस्टोस्टेरोन के सामान्य स्तर वाले पुरुषों को ये थेरपी दी जाती है तो ये उनके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। वहीं टेस्टोस्टेरोन की कमी वाले लोगों के लिए ये थेरेपी अच्छे परिणाम दे सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कम टेस्टोस्टेरोन वाले मरीजों, जिनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक का अधिक खतरा है, डॉक्टर्स उन्हें टेस्टोस्टेरोन थेरेपी देने पर विचार कर सकते हैं।
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