नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर (Coonoor of Tamil Nadu) में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) जिंदा थे और अपना नाम बता पाने में सक्षम थे। यह दावा किया है राहत और बचाव दल में शामिल उस शख्स (Person involved in relief and rescue teams) ने जो सबसे पहले चॉपर (Chopper) के बिखरे पड़े मलबे के पास पहुंचा था। हादसे के बाद वहां राहत और बचाव के लिए पहुंची टीम में शामिल एनसी मुरली (NC Murali) नाम के इस बचावकर्मी ने बताया है, ‘हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया, जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) थे। उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया। उनकी मौत अस्पताल जाते वक्त रास्ते में हुई। हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके।
बचावकर्मी के मुताबिक सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) के शरीर के निचले हिस्से बुरी तरह जल गये थे। इसके बाद उन्हें एक बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया था। एन सी मुरली फायर सर्विस टीम में शामिल थे। जो राहत टीम वहां पहुंची थी उसने यह भी बताया है कि जलते विमान के मलबे को बुझाने के लिए फायर सर्विस इंजन को वहां तक ले जाने के लिए सड़क नहीं थी। वो आसपास के घरों और नदियों से पानी लाकर इस आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थे। यह ऑपरेशन काफी मुश्किल था। बचावकर्मी के मुताबिक दुर्घटनास्थल के पास पेड़ भी थे। मुश्किल परिस्थितियों की वजह से बचाव कार्यों में देरी हो रही थी। बचावकर्मियों को 12 लोगों की डेड बॉडी मिली, जबकि 2 लोगों को जिंदा बचाया गया था। जिंदा बचे दोनों लोग बुरी तरह झुलसे हुए थे। बाद में जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तौर पर की गई थी। भारतीय वायुसेना बचाव दल को हेलिकॉप्टर के खंडित हो चुके हिस्सों के बारे में लगातार गाइड कर रही थी। जिस जगह पर यह चॉपर हादसे का शिकार हुआ वहां से करीब 100 मीटर की दूरी पर काटेरी गांव है। गांव में रहने वाली पोथम पोन्नम ने चॉपर के क्रैश होने से पहले उसके गुजरने की आवाज सुनी थी। उन्होंने बताया कि इसके कुछ ही समय बाद एक जोरदार धमाका हुआ और पता चला कि हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुका है। कटेरी के रहने वाले लोगों ने जिले के अधिकारियों को खबर दी थी जिसके बाद उनके इलाके की बिजली तुरंत काट दी गई थी। हालांकि, जब इन लोगों ने घटनास्थल पर जाने की कोशिश की तब पुलिस ने इन्हें रोक दिया था।