इन्दौर। देश में लागू लॉकडाउन के दौरान आम आदमी भले ही घर में रहने के लिए मजबूर है, लेकिन जंगली जानवर आजादी से घूम-फिर रहे हैं। इसका ही नतीजा है कि लगातार तेंदुए शहर की ओर आ रहे हैं। इंदौर की रेस्क्यू टीम ने इस लॉकडाउन अवधि में 11 तेंदुओं का रेस्क्यू किया है। उनको पकडक़र जंगल में छोड़ दिया गया तो कुछ को चिडिय़ाघर में भेज दिया गया।
रेस्क्यू टीम प्रभारी शेरसिंह कटारा के अनुसार पिछले कुछ माह से लगातार तेंदुए शहरी क्षेत्र में आ रहे हैं। इसके चलते वन विभाग की टीम भी सक्रिय है। टीम ने लॉकडाउन के दौरान अमझेरा, बड़वानी, सेंधवा, जोबट और इंदौर वन क्षेत्र से 11 तेंदुओं को रेस्क्यू किया है। सभी जगह पिंजरे लगाकर तेंदुए को पकड़ा गया। कुछ को जंगल में छोड़ दिया गया तो कुछ को इंदौर के चिडिय़ाघर में रखा गया।
आईआईटी परिसर में दो पिंजरे लगाए
आईआईटी परिसर में फिर एक बार तेंदुआ होने की आशंका के चलते वन विभाग ने यहां दो पिंजरे लगाए हैं। ज्ञातव्य है कि लॉकडाउन के दौरान वन विभाग परिसर से पहले भी दो तेंदुओं का रेस्क्यू कर चुका है। इसके पहले भी यहां से तेंदुआ पकड़ा जा चुका है। यह परिसर चोरल के जंगल से लगा होने के कारण यहां तेंदुए पहुंच जाते हैं।
शहर में भी आते रहे हैं तेंदुए
पिछले कुछ सालों में शहर में कई बार तेंदुए आ चुके हैं। सिंहासा और एरोड्रम क्षेत्र से वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ चुकी है। वहीं चिडिय़ाघर के पास नगर निगम के एक अधिकारी के घर लगे कैमरे में भी तेंदुआ कैद हो चुका है, लेकिन यह तेंदुआ अभी तक नहीं पकड़ाया है।
तेंदुए बढऩे का अंदेशा, 40 हो सकती है संख्या
इंदौर वन क्षेत्र में चोरल, मानपुर, महू, नाहर झाबुआ और रालामंडल क्षेत्र में अभी भी अच्छा खासा जंगल मौजूद है। इसके चलते यहां अन्य जानवरों के अलावा तेंदुओं की भी अच्छी खासी संख्या है। पहले वन विभाग का मानना था कि रेंज में 20 से 25 तेंदुए हो सकते हैं, लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि यह संख्या 30 से 40 हो सकती है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में महू, नयापुरा, नाहर झाबुआ में लगातार तेंदुए देखे गए हैं। वहीं वन विभाग द्वारा जंगल में लगाए गए नाइट विजन कैमरे में भी कई स्थानों पर तेंदुए कैद हुए हैं। वहीं मवेशियों के शिकार की घटनाएं भी बढ़ी हैं। इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि तेंदुओं की सख्या बढी है।
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