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    मालवा वनस्पति घोटाले में RERA ने भी दर्ज किया प्रकरण

  • December 16, 2020

    • कलेक्टर ने अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर भेजा था पत्र… अब धारा 59 में जारी होंगे नोटिस

    इंदौर। मालवा वनस्पति जमीन घोटाले में पिछले दिनों प्रशासन ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा था, जिसमें 126 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का खेल उजागर हुआ और 9.584 हैक्टेयर जमीन पर दी गई नगर तथा ग्राम निवेश की अनुमति भी निरस्त हो गई। वहीं कलेक्टर ने इस संबंध में रेरा प्राधिकरण को भी पत्र लिखा, जिसमें रेरा अधिनियम के उल्लंघन की जानकारी दी गई, जिसके चलते अब रेरा ने मालवा वनस्पति एंड केमिकल के खिलाफ प्रकरण अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का दर्ज कर लिया और डवलपर कम्पनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाएंगे।
    कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले तो तीन अधिकारियों की टीम बनाकर इस घोटाले की जांच करवाई, जिसमें 20 पेज की रिपोर्ट उन्हें मिली, जिसमें कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आए। रेरा से अनुमति ना लेने के अलावा रजिस्ट्री में भी धोखाधड़ी की गई और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश और फिर निगम से भी भवन अनुज्ञा प्राप्त कर ली। अधिक विक्रय योग्य क्षेत्र प्राप्त करने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया और यह आरोप लगाया कि इससे विकासकर्ता को लगभग 126 करोड़ की अवैध कमाई होगी, जिसकी गणना कलेक्टर गाइडलाइन से की गई। मालवा वनस्पति एंड केमिकल की भागीरथपुरा स्थित जमीन सर्वे नं. 81, 82 (पार्ट), 83, 84/2, 85 (पार्ट), 86/1/1 (पार्ट), 86/2, 86/3 (पार्ट) एवं 87/1/1 (पार्ट) की कुल रकबा 11.484 हैक्टेयर में से 9.584 हैक्टेयर यानी लगभग 25 एकड़ पर फ्लेटेड फैक्ट्री उपयोग का स्थल अनुमोदन करवाया था, जिसके आधार पर निगम ने फ्लेटेड औद्योगिक उपयोग की भवन अनुज्ञा दी, लेकिन मौके पर जांच कमेटी ने पाया कि भूखंड के बजाय प्लिंथ लेवल तक का काम चल रहा है, जिसके चलते एमओएस सडक़ों की चौड़ाई से लेकर अन्य अधिकतम क्षेत्र हासिल किया गया, जो कि स्वीकृत एफएआर से लगभग दो गुना होता है। इंदौर के मास्टर प्लान में फ्लेटेड फैक्ट्री के दिए गए मापदण्डों का भी उल्लंघन पाया गया और विकासकर्ता ने फ्लेटेड फैक्ट्री की अनुमति के मुताबिक अलग-अलग मंजिलों पर प्रकोष्ठों का पंजीयन करवाकर विक्रय करना था, लेकिन इसकी बजाय भूखंडों की रजिस्ट्री करवाई गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस संबंध में मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा को भी पत्र लिखा, जिसमें रेरा अधिनियम की धारा 3 के उल्लंघन की बात कही गई, जिसमें बिना पंजीयन भू-सम्पदा का विक्रय किया गया। लिहाजा अभी रेरा के सचिव और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दिलीप कापसे ने कलेक्टर को पत्र भेजा, जिसमें मालवा वनस्पति एवं केमिकल के खिलाफ रेरा अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में प्रकरण दर्ज किए जाने की जानकारी दी गई। रेरा ने स्पष्ट कहा कि इस प्रकरण में प्रावधानों का उल्लंघन प्रथम दृष्ट्या ही नजर आ रहा है। लिहाजा अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन करने पर धारा 59 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है। अब इस संबंध में संबंधित डवलपर्स को रेरा के नोटिस जारी होंगे और फिर अधिनियम के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। यह भी उल्लेखनीय है कि रेरा से अनुमति ना लेने, पंजीयन ना करवाने के चलते दर्ज प्रकरणों में सुनवाई के बाद तीन साल तक की सजा से लेकर 10 गुना तक जुर्माने के प्रावधान भी है।

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