नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस (75th republic day) मनाएगा। साल 1947 में देश को ब्रिटिश राज से आजादी (independence from british rule) मिली, लेकिन उसका अपना संविधान (Constitution) नहीं था। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला. इस दिन भारतीय संविधान लागू हुआ और इसके साथ ही भारत एक संप्रभु राज्य बन गया, जिसे गणतंत्र घोषित किया गया। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में कर्तव्यपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है. अलग-अलग झांकियों का प्रदर्शन किया जाता है. इस परेड में देश की तीनों सेना जैसे थलसेना, जलसेना और वायुसेना भी शामिल होती हैं. देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और इसी के साथ 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. आइए इस मौके पर आपको बताते हैं गणतंत्र दिवस से जुड़ी तमाम रोचक बातें…छ
– भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा बनाया गया था, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 में किया गया था. इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
– देश में पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में आयोजित की गई थी. ये मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हुई थी, जिसे पहले इरविन एम्फीथिएटर के नाम से जाना जाता था. परेड में 3 हजार भारतीय सैन्य कर्मियों और 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था।
– गणतंत्र दिवस परेड के लिए हर साल किसी अन्य राष्ट्र के नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है. 1950 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
– कर्तव्यपथ पर पहली परेड 1955 में की गई थी, उस समय कर्तव्यपथ को राजपथ के नाम से जाना जाता था. तब इस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
– हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर जब भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, तब 21 तोपों की सलामी दी जाती है. तोपों की सलामी की फायरिंग राष्ट्रगान बजने के साथ होती है. पहला शॉट राष्ट्रगान की शुरुआत के दौरान और आखिरी शॉट 52 सेकंड बाद फायर किया जाता है।
– गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाले हर एक सैन्यकर्मी को चार स्तरों की सुरक्षा जांच से गुजरना होता है. साथ ही ये सुनिश्चित किया जाता है कि उनके हथियार लोडेड न हों. इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर झांकी लगभग 5 किमी/घंटा की गति से चलती है ताकि हर व्यक्ति इसे देख सके।
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