नई दिल्ली(New Delhi) । भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) के प्रदेश (तमिलनाडु) अध्यक्ष के अन्नामलाई(Chairman K Annamalai) ने मंगलवार को दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी(Former Prime Minister Indira Gandhi) ने 1977 में इमरजेंसी समाप्त(Emergency is over) होने के बाद देश से बाहर जाने का फैसला किया था। अन्नामलाई ने कहा कि आपातकाल के दौरान हर तरफ दमन था। 1975 से 1977 तक 21 महीनों में 1.14 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि आपातकाल की घोषणा 25 जून 1975 को की गई थी। इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाते हुए प्रदेश भाजपा ने पूरे तमिलनाडु में कई कार्यक्रम आयोजित किए।
चेन्नई स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अन्नामलाई ने कहा, “आपातकाल समाप्त होने के बाद इंदिरा गांधी ने सोचा कि देश की जनता पूरे गांधी परिवार को पीटेगी। इसलिए उन्होंने अपने बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से देश से बाहर जाने के लिए मुंबई में उनके लिए एक विशेष विमान तैयार करने को कहा था। लेकिन, 1978 में सत्ता में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने उन्हें आश्वासन दिया कि देश की जनता उन्हें माफ कर देगी और उनकी जान को कोई खतरा नहीं होगा।”
टीएनसीसी अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने आपातकाल और इंदिरा गांधी पर अन्नामलाई की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आपातकाल के कारण कई लाभ हुए जैसे कि जमींदारी प्रथा और बंधुआ मजदूरी प्रथा का उन्मूलन। वे इन लाभों के बारे में बात नहीं करेंगे।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद बैंकों ने आम आदमी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए। कुछ कमियां हो सकती हैं, लेकिन इंदिरा गांधी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विपरीत इतनी बहादुर थीं कि वे लोगों को हुई किसी भी कठिनाई के लिए खुले तौर पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगती थीं। इसीलिए उन्हें आयरन लेडी कहा जाता था।”
सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि अब देश में 10 साल से अघोषित आपातकाल है। उन्होंने कहा, “कई गिरफ्तारियां हुईं। जांच एजेंसियों द्वारा व्यापारियों और पत्रकारों की तलाशी ली गई और उन्हें धमकाया गया।”
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