इंदौर संभाग की 37 सीटों में से कई सीटों पर पार्टी कमजोर, अब अतिरिक्त ताकत झोंकेंगे
इंदौर। भाजपा (BJP) इस बार पिछली बार की तरह गलती नहीं करना चाहती। इसलिए इस बार पहले से ही सावधानी बरत रही है। जिस बैठक को अमित शाह (Amit Shah) लेने वाले थे, उसे कल केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) ने लिया और एक-एक जिलाध्यक्ष से उनके क्षेत्र की जानकारी ली। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर शाह को भेजी जा रही है।
कल भाजपा की संभागीय बैठक में प्रदेश के प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) ने सभी 9 जिलों के पदाधिकारियों को बुलाया था। सूत्रों के अनुसार बैठक में उन सीटों की जानकारी ली गई है, जो कमजोर हैं या जो कांग्रेस के प्रभाव वाली है। पिछली बार भाजपा को आदिवासी सीटों पर नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार भाजपा यहां अपनी रणनीति के तहत काम कर रही है। यादव ने एक-एक जिला अध्यक्ष को खड़े कर उनके क्षेत्र की सीटों की जानकारी मांगी और पूछा कि किन सीटों पर संगठन की क्या स्थिति है और वहां जो प्रत्याशी उतारा गया है वहां कोई दूसरा बागी तो नहीं है। बताया जा रहा है कि सार्वजनिक रूप से हुई पूछताछ में कई सीटों पर गड़बड़ी की खबर सामने आई है।
आदिवासी इलाकों में बढ़ेगा फोकस
बैठक में आदिवासी इलाकों में कमजोर सीटों की जानकारी निकलकर सामने आई है, जिसमें कहा गया कि यहां फोकस करना होगा, नहीं तो पिछली बार जैसा यहां कुछ न हो जाए। पिछली बार संभाग के आदिवासी जिलों की अधिकांश सीटें कांग्रेस के हाथ में चली गई थीं।
बागियों को लेकर विशेष सावधानी
संभाग की तीन सीटों पर बागी समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। इनमें रंजना बघेल, हर्ष चौहान और देपालपुर विधानसभा बताई जा रही है। तीनों ही स्थानों पर बागियों को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि कहा जा रहा है कि कल कई बागी नामांकन वापस ले लेंगे।
साढ़े 10 बजे तक मतदान
बैठक में रणनीति तय की गई कि भाजपा के सभी कार्यकर्ता 17 नवम्बर को साढ़े 10 बजे तक मतदान कर दें और उसके बाद अपने-अपने क्षेत्र में निकलकर मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने के लिए तैयारी रखें। अधिक से अधिक मतदान कराने की बात भी बैठक में कही गई।
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