नई दिल्ली । राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने नागपुर (Nagpur) के एक मामले का स्वत: संज्ञान लिया (Takes Cognizance) है, जिसमें रक्त आधान के बाद (After Blood Transfusion) 4 बच्चे (Four Children) एचआईवी पॉजिटिव (HIV Positive) हो गए और उनमें से एक (One) की नागपुर, महाराष्ट्र में मृत्यु हो गई (Died) ।
कथित तौर पर उनका थैलेसीमिया के लिए इलाज किया जा रहा था, जिसके लिए न्यूक्लिक एसिड, एनएटी टेस्टेड ब्लड ट्रांस़फ्यूज टेस्ट किया जाना था, लेकिन सुविधा के अभाव में उन्हें दूषित रक्त मिला। आयोग के मुताबिक, यदि यह घटना सही है तो यह पीड़ित बच्चों के मानव अधिकारों का उल्लंघन है। इसलिए आयोग ने मुख्य सचिव, महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में पाए जाने पर दोषी लोक सेवकों, कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई या प्रस्तावित कार्रवाई शामिल होना अपेक्षित है। उन्हें मृतक बच्चे के नजदीकी रिश्तेदारों को दिए गए किसी अंतरिम मुआवजे या अन्य किसी मुआवजे के भुगतान के साथ-साथ अन्य पीड़ित बच्चों के लिए राज्य द्वारा शुरू किए गए उपचार के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। महाराष्ट्र सरकार के खाद्य एवं औषधि विभाग के सचिव के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। आपराधिक कार्रवाई के संबंध में अपनी रिपोर्ट देने के लिए एक नोटिस जारी किया गया है।
26 मई 2022 को की गई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। यह भी कहा गया है कि पहले थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चे हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हुए थे, जबकि दो बच्चे हेपेटाइटिस बी से संक्रमित थे।
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