नई दिल्ली (New Delhi)। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) (International Labor Organization – ILO) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) (Institute for Human Development – IHD) की नई रिपोर्ट (New report) इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 (‘India Employment Report 2024’)’ के अनुसार भारत (India) में 2021 के दौरान सभी प्रवासियों में से करीब 10.7 फीसदी ने रोजगार कारणों से पलायन किया था। इनके पलायन के लिए बेहतर रोजगार की तलाश, नौकरी में ट्रांसफर और अवसरों की कमी जैसे कारण जिम्मेदार थे।
देश में 49.6 फीसदी पुरुषों के पलायन के लिए रोजगार और उससे जुड़े कारण जिम्मेदार थे। रोजगार के लिए पलायन करने वालों का यह अनुपात महिलाओं में बेहद कम महज 1.7 फीसदी था। रिपोर्ट के अनुसार रोजगार संबंधी कारणों से प्रवास करने वाले पुरुषों के मामले में दिल्ली सबसे आगे है। यहां 87.1 फीसदी पुरुषों ने रोजगार की वजह से प्रवास किया था। जबकि कर्नाटक में यह संख्या 63.2 और महाराष्ट्र में 59.9 फीसदी दर्ज की गई। इसके अलावा तेलंगाना में 56.2, छत्तीसगढ़ 54.9, असम 54.7, हरियाणा 54.7, गुजरात 51.4, मध्य प्रदेश 50.9 और तेलंगाना सहित आंध्र प्रदेश में 50.2 फीसदी पुरुषों के प्रवास के पीछे की वजह रोजगार रही।
रोजगार के लिए यूपी में प्रवास सबसे कम
रोजगार के लिए यूपी पहुंचने वाले पुरुषों का आंकड़ा सबसे कम 35.9 फीसदी दर्ज किया गया। इसी तरह केरल में 37.2 , जम्मू कश्मीर में 38.3, बिहार में 39 और पंजाब में 44.4 फीसदी रहा। पिछले दो दशकों में 2000 से 2021 के बीच भारत में प्रवासन की दर में 2.1 फीसदी के इजाफे के साथ यह दर 26.8 से बढ़कर 28.9% पर पहुंच गई है।
महिलाओं के प्रवासन दर में 5.5 फीसदी का इजाफा
महिलाओं के बीच प्रवासन की दर जो पहले ही पुरुषों की तुलना में अधिक थी, उसमें इस अवधि के दौरान 5.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2000 के दौरान महिलाओं में प्रवासन की दर 42.4 फीसदी दर्ज की गई थी। यह 2021 में बढ़कर 47.9 फीसदी तक पहुंच गई। दूसरी ओर पुरुषों के मामले में इसमें 1.4 फीसदी अंकों की गिरावट आई है। यह 12.1 से घटकर 10.7 फीसदी रह गई है।
केरल में सबसे अधिक और बिहार में सबसे कम प्रवासन दर
रिपोर्ट के अनुसार देश में केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश में प्रवासन की दर सबसे अधिक है। केरल में प्रवासन की दर 41.2 जबकि हिमाचल प्रदेश में यह 38.1 और तमिलनाडु में 36.3 फीसदी दर्ज की गई। उत्तराखंड में 35, ओडिशा 33.1, कर्नाटक 32.5 और गुजरात में 31.9% दर्ज की गई है। बिहार में सबसे कम 14.2 फीसदी है। जम्मू-कश्मीर में 22.1, असम 23.7, तेलंगाना 25.2, दिल्ली 27.6, झारखंड 28.3 और यूपी में 28.5 फीसदी दर्ज की गई है।
देशभर के बेरोजगारों में 83% युवा
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के बेरोजगारों में 83 फीसदी युवा हैं। इसमें से ज्यादातर शिक्षित हैं। वर्ष 2000 के मुकाबले पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं की संख्या दोगुनी हुई है।
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