नई दिल्ली । केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने भ्रष्ट अधिकारियों (corrupt Officer) के खिलाफ अपनी अनुशंसा का पालन न करने या निर्देश को कमतर करने के 42 मामलों का पता लगाया है। इनमें सबसे ज्यादा 10 मामले रेलवे और इसके बाद पांच मामले कैनरा बैंक के हैं। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दो-दो मामले हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्र बैंक, एलआईसी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी), ऑयल इंडिया लिमिटेड और ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड का एक-एक मामला है।
साथ ही गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली, खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन, एनटीपीसी लिमिटेड, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड, विकलांग व्यक्तियों के लिए अधिकारिता मंत्रालय, शिपिंग मंत्रालय, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सीवीसी के निर्देश का पालन करने में गंभीरता नहीं दिखाई।
सीवीसी ने पाया कि पिछले साल के दौरान उसके निर्देशों का ज्यादा उल्लंघन किया गया। 2020 वार्षिक रिपोर्ट को मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया गया था और मंगलवार को इसे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
इसमें कहा गया है कि आयोग की अनुशंसा का पालन न करना या फिर आयोग के साथ परामर्श न करना निगरानी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाता है और निगरानी प्रशासन की तटस्थता को कमजोर करता है।
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