नई दिल्ली। तेल (Oil) इंडियन कुकिंग स्टाइल का प्रमुख हिस्सा है. हर घर में सब्जी बनाने से लेकर पुड़ी-पराठे बनाने तक तेल का प्रयोग होता है. इसके अलावा अधिकतर स्नैक्स को भी तेल में ही फ्राई किया जाता है. चिप्स, समोसे, फ्राइज कुछ भी हों, ये टेस्ट में तो काफी अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें बनाने में जो तेल का प्रयोग होता है, उसके काफी नुकसान हो सकते हैं. क्या आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि डीप फ्राई या पैन फ्राई करने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल को कितनी बार गर्म किया गया है?
शायद नहीं दिया होगा. क्योंकि अक्सर लोग इसे नॉर्मल प्रोसेस मानते हैं कि खाना बनाने के बाद अगर तेल बचे तो उसे बाद में गर्म करके यूज कर लिया जाएगा. ऐसा करना शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से काफी साइड इफेक्ट(side effect) होते हैं. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो तेल को दोबारा गर्म करके उसमें खाना बनाकर खाने के नुकसान भी जान लीजिए.
2. एसिड की मात्रा बढ़ाए
अगर तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. अगर आपको पेट और गले में जलन महसूस होती है तो इसका कारक खाना बनाने वाला तेल भी हो सकता है. अगर आपको सामान्य से अधिक एसिडिटी का अनुभव होता है तो जंक और डीप फ्राई फूड्स खाने से बचें. यदि इससे गले और पेट में जलन में आराम मिलता है तो इसका जबाव आपके पास है कि आपको क्या करना है.
3. जहरीले पदार्थ की मात्रा बढ़ाता है
सूरजमुखी (Sunflower) या मकई के तेल जैसे कुछ वेजिटेवल ऑयल को फिर से गर्म करने से उसमें जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग, अल्जाइमर, डिमेंशइया और पार्किंसंस जैसी कई स्थितियों पैदा हो जाती हैं. वेजिटेबल तेल को दोबारा गर्म करने पर 4-हाइड्रॉक्सी-ट्रांस-2-नॉमिनल (HNE) नामक एक अन्य जहर निकलता है, जो डीएनए, आरएनए और प्रोटीन को सही तरह से काम करने से रोकता है.
4. ट्रांस फैट बढ़ाता है
कुकिंग ऑयल में ट्रांस फैटी एसिड होते हैं जो दोबारा गर्म करने पर बढ़ जाते हैं. ट्रांस फैट सैचुरेटेड फैट से भी बुरे होते हैं. क्योंकि ये न केवल खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम कर देते हैं. इसके कारण पार्किंसंस रोग(Parkinson’s disease), हार्ट डिसीज, स्ट्रोक, कैंसर और विभिन्न लिवर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
5. कैंसर का जोखिम बढ़ाए
तेल को दोबारा गर्म करने से वह कार्सिनोजेनिक हो जाता है. कार्सिनोजेन ऐसा एजेंट होता है जो कैंसर का कारण बनता है. गर्म रिसर्च के मुताबिक, जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है तो उसमें एल्डिहाइड (जहरीले तत्व) पैदा हो जाते हैं. फिर अगर कोई उस तेल में बने खाने को खाता है तो शरीर में टॉक्सिन्स पहुंच जाते हैं, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है. वहीं अधिक मात्रा में ऐसे तेल का प्रयोग करके कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है. शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ने से मोटापा, हार्ट डिसीज और डायबिटीज समेत कई बीमारियां हो जाती हैं.
क्या तेल को गर्म करना सही है?
कुछ एक्सपर्ट बताते हैं, दोबारा गर्म किए गए तेल में बना खाने से शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं. लेकिन अगर पहली बार में तेल को अधिक आंच पर और अधिक देर तक गर्म नहीं किया गया है तो उसे दोबारा गर्म कर सकते हैं. तलने से पहले खाने में नमक डालने से बचें, क्योंकि नमक के कारण तेल से जल्दी धुंआ निकलने लगता है और अगर एक बार तेल से धुंआ निकलने लगे तो वह उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नही करते हैं।
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