नई दिल्ली । हरियाणा चुनावों(haryana elections) में मिली हार से सबक लेते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव(Congress chief Devendra Yadav) ने कहा कि वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों (delhi assembly elections)में वही गलती नहीं दोहराएंगे(will not repeat the mistake)। दरअसल, पार्टी की हरियाणा में हार की एक मुख्य वजह जाट वोट बैंक पर ज्यादा ध्यान देना रही। राजधानी में फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं और यादव ने कहा कि कांग्रेस सभी समुदायों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ज्यादा उदार दृष्टिकोण अपनाएगी। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यादव ने कहा, ‘नतीजे अभूतपूर्व हैं। मेरा मानना है कि हरियाणा में जाट वोट हासिल करने की हमारी कोशिशों की वजह से जाट विरोधी वोट हमारे खिलाफ एकजुट हुए, जिसका बीजेपी को फायदा मिला।’
चुनाव की तैयारियों में लगे एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि उम्मीदवारों को लेकर जल्द ही चर्चा जल्द ही शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम प्रक्रिया शुरू करने के लिए अगले 2-3 दिनों में एक बैठक आयोजित करने की सोच रहे हैं। निर्वाचन क्षेत्र के सर्वे पूरे हो चुके हैं, इसलिए अब हम चर्चाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। इससे प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव से पहले प्रभावी ढंग से प्रचार करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।’
यादव ने कांग्रेस के घोषणापत्र में उनकी मांगों को शामिल करने के लिए दिल्ली के विभिन्न समुदाय के नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलने की योजना के बारे में बताया। सोमवार को, दिल्ली कांग्रेस ने 20 से अधिक सब-कमेटियों का गठन करते हुए अपना घोषणापत्र आउटरीच कार्यक्रम शुरू किए। इन सब-कमेटियों को युवा, महिला, बाल विकास, वरिष्ठ नागरिक, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, अल्पसंख्यक, ओबीसी, एससी/एसटी और ग्राम मामलों सहित कई मुद्दों पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया है।
यादव ने बताया, ‘ये समितियां सुनिश्चित करेंगी कि हम समाज के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। हम पर्यावरण और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भी सलाह लेंगे, ताकि उनके सुझावों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर सकें।’ दिल्ली कांग्रेस अपनी आगामी ‘दिल्ली वालों आओ, दिल्ली चलाओ’ यात्रा की भी तैयारी कर रही है, जो सभी 70 विधानसभाओं से निकाली जाएगी। इसमें सात प्रचार ट्रक होंगे, जिनमें से हर पर एक खाली कुर्सी होगी- यह एक प्रतीकात्मक इशारा है जिसका मकसद कांग्रेस के नजरिए को आम आदमी पार्टी (आप) के दृष्टिकोण से अलग करना है।
यादव ने कहा, ‘मुख्यमंत्री आतिशी से उलट, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल के लिए एक कुर्सी रिसर्व रखी थी, हम इस खाली कुर्सी को दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित रखेंगे। कुर्सी इस बात का प्रतीक है कि हर किसी की आवाज मायने रखती है। कांग्रेस शासन के दौरान, कोई भी व्यक्ति राजा की तरह काम नहीं करेगा। हम लोगों को उस कुर्सी पर बैठने, अपनी शिकायतें बताने के लिए आमंत्रित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन शिकायतों का हल हमारे घोषणापत्र में शामिल हो।’
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