1695 हेक्टेयर पर विकसित हो रहे पीथमपुर सेक्टर-7 में मजदूरों-कर्मचारियों के लिए सस्ते किराए पर उपलब्ध करवाएंगे मकान – एमपीआईडीसी ने की प्लानिंग – अपना लैंड बैंक भी बढ़ाया
इंदौर। पीथमपुर सेक्टर-7 (Pithampur Sector-7) में जो स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप (Smart Industrial Township) को विकसित किया जा रहा है उसमें रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट (Rental Housing Project) भी शामिल रहेगा। इसके पीछे मकसद यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कर्मचारी और मजदूर काम करते हैं और उनके पास खुद का मकान या फ्लेट खरीदने की धन राशि नहीं रहती लिहाजा उन्हें सस्ते किराए के मकान उपलब्ध कराए जाएं, जिसके चलते एमपीआईडीसी ने रेंटल हाउसिंग प्रोजेक्ट को भी इसमें शामिल किया है, जो कि बिल्ट एंड ऑपरेट यानी बीओटी सिस्टम पर निजी बिल्डर-डवलपर की मदद से अमल में लाया जाएगा। लगभग 1695 हेक्टेयर पर ये पीथमपुर सेक्टर-7 की स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप को विकसित किया जा रहा है। वैसे तो कुल एरिया 2187 हेक्टेयर का है, मगर इसमें 390 हेक्टेयर फॉरेस्ट यानी वन विभाग की जमीन शामिल है, जिस पर अनुमति मिलने में तमाम कठिनाइयां आती है।
वन विभाग की जमीन को इसीलिए फिलहाल प्रोजेक्ट में कम करके प्लानिंग की जा रही है। 1695 हेक्टेयर यानी साढ़े 4 हजार एकड़ का नेट प्लानिंग एरिया इसमें मिलेगा, जिसमें 250 हेक्टेयर सरकारी और 86 हेक्टेयर से अधिक जमीन पहले से ही एमपीआईडीसी के पास है। जबकि 1446 हेक्टेयर जमीन निजी है, जिसके लिए 80-20 का फॉर्मूला अधिग्रहण के लिए तय किया गया है। दरअसल पहले इस स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप को दो चरणों में विकसित किया जाना था, मगर प्रवासी भारतीय सम्मेलन और उसके साथ आयोजित हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हजारों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले और उनमें से कई कम्पनियों ने जमीनें मांगी हैं। इसलिए एमपीआईडीसी अब दो चरणों की बजाय एक साथ ही साढ़े 4 हजार एकड़ पर टाउनशिप को विकसित करने में जुटी है। लगभग एक हजार करोड़ रुपए की राशि विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी, जिसमें सडक़, बिजली, पानी, ड्रैनेज, शिक्षा, स्वास्थ्य, फायर ब्रिगेड, पुलिस चौकी सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी। अभी कई बड़ी कम्पनियों को जमीनों का आबंटन भी कर दिया गया है। जैसे जानी-मानी कम्पनी अवाडा को 100 एकड़ जमीन आबंटित की गई है, तो एशियन पेंट्स को भी 150 एकड़, वहीं टीवीएस को 30 एकड़, जेएसडब्ल्यू को 65 एकड़, वहीं पिनेकल इंडस्ट्रीयल को लगभग 25 एकड़, शक्ति प्लास्टिक को 16.28 हेक्टेयर के साथ एमएसएमई यानी मध्यम, सुक्ष्म और लघु उद्योग के लिए भी लगभग 34 हेक्टेयर जमीन रखी गई है, जहां पर फुट वियर क्लस्टर जैसी गतिविधियां आ सकेंगी। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेंटल हाउसिंग स्कीम भी घोषित की है। खासकर बड़े शहरों में, जहां पर बड़ी संख्या में बाहर से प्रवासी, गरीब मजदूर काम करने के लिए आते हैं और फिर इन्हें झुग्गी झोपडिय़ों या ऐसे ही क्षेत्रों में रहना पड़ता है, जिसके कारण शहरों में अवैध कॉलोनियों के साथ-साथ झुग्गी झोपडिय़ां भी विकसित होती है, जिसके चलते अब इन लोगों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम शुरू की जा रही है और एमपीआईडीसी भी अपने इस स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में इसका प्रावधान कर रहा है।
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