कोलकाता (Kolkata)। प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित विजय कुमार किचलू (Famous classical singer Pandit Vijay Kumar Kitchlew) का शुक्रवार शाम सांस लेने में तकलीफ के बाद एक अस्पताल में निधन हो गया। पद्म श्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किचलू 93 वर्ष के थे। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। अस्पताल ने बयान जारी कर कहा कि पंडित किचलू को गंभीर हालत में लाया गया था। इलाज शुरू होने से पहले ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। शाम करीब 6.20 पर उनका निधन हो गया।
गायक लंबे समय से हृदय संबंधी समस्याओं और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें पिछले महीने भी दिल का दौरा पड़ने के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब वहां दो सप्ताह तक उनका इलाज चला था। मालूम हो कि पंडित किचलू का जन्म 1930 में हुआ था। उन्होंने अपने भाई रवि किचलू के साथ मिलकर एक लोकप्रिय शास्त्रीय गायक की जोड़ी बनाई थी। उन्हें 2018 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
यक्षगान कलाकार बी नारायण भागवत का निधन
गौरतलब है कि दिग्गज यक्षगान पार्श्व गायक और पटकथा लेखक बी. नारायण भागवत का गुरुवार को निधन हो गया था। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में मूदबिद्री के पास अपने आवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। वह 84 वर्ष के थे। भागवत मूदबिद्री के निकट मारुरु से संबंध रखते थे। उनके पुत्र माधव, शशिधर और शिवशंकर हैं, जो प्रसिद्ध यक्षगान पार्श्व गायक भी हैं। उनकी पत्नी जयलक्ष्मी का निधन हो चुका है।
भागवत ने गायन की एक अनूठी शैली में महारत हासिल की थी, जिसे प्रशंसकों ने बालिपा शैली का नाम दिया था। उनके पास एक समृद्ध आवाज थी और उन्होंने 30 से अधिक यक्षगान प्रसंग (लिपियां) लिखीं। मालूम हो कि भागवत का जन्म 19 मार्च, 1938 को केरल के कासरगोड जिले के पड्रे गांव में हुआ था। बाद में उनका परिवार मारुरु में शिफ्ट हो गया। वह यक्षगान कलाकारों के परिवार से थे।
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