इंदौर। मानसून से पहले इंदौर जिले के 55 तालाबों को जनसहयोग से साफ-सुथरा किया जाएगा। अतिक्रमण मुक्ति के साथ इन तालाबों का अधिक से अधिक जल संग्रहण के लिए जीर्णोद्धार होगा। इंदौर जिले में 377 तालाब राजस्व रिकॉर्ड में मौजूद हैं। अभी 55 तालाबों में सबसे अधिक 17 देपालपुर में, तो 15-15 सांवेर और महू के, वहीं 8 इंदौर जनपद के शामिल किए गए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी तालाबों के कैचमेंट एरिया को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए, ताकि अभी मानसून में अधिक से अधिक जल संग्रहण हो सके। इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीम लगातार इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के साथ-साथ जनसहयोग से जीर्णोद्धार के काम भी कराएगी। रिस्टोरेशन, ब्यूटीफिकेशन के साथ-साथ अन्य कार्य भी होंगे। अभी ५५ तालाबों को मानसून से पहले जीर्णोद्धार के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें देपालपुर के १७ तालाब शामिल हैं।
वहीं सांवेर, महू, इंदौर जनपद के भी प्रमुख तालाबों को लिया गया है। इंदौर जिले में ३७७ छोटे-बड़े तालाब हैं। हालांकि यशवंत सागर, सिरपुर, लिम्बोदी सहित अन्य तालाबों के भी कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण होता रहा है, जिसके चलते हर साल प्रशासन, निगम का अमला इन्हें हटाता भी है। दूसरी तरफ बारिश के पहले सभी नेहरों के सुधार कार्य पूर्ण करा लेने का दावा भी जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया है। कल प्रमुख अभियंता जल संसाधन कार्यालय भोपाल में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दिए। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत निर्मित परियोजनाओं में लगभग 39 हजार 240 किलोमीटर लंबाई की नहरें निर्मित हैं। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि वे स्वयं भी विभिन्न 9 परियोजनओं के कार्यो का औचक निरीक्षण करेंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, प्रमुख अभियंता श्री शिरीष मिश्रा, सभी कछारों के मुख्य अभियंता और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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