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    पीथमपुर की रेल सुरंग में भरा पानी निकालना और मरम्मत करना बड़ी चुनौती

  • February 18, 2023

    अफसरों ने भी माना सुरंग इंदौर-पीथमपुर को रेल लाइन से जोडऩे में सबसे बड़ी बाधा

    इंदौर। इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के तहत बनने वाली सुरंग में अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है, जिसे निकालना और फिर पानी भरने से हुए नुकसान की मरम्मत करना बड़ी चुनौती है। बीते दो साल से यह सुरंग आधी-अधूरी हालत में है। रेल अफसर भी मान रहे हैं कि ठप काम दोबारा शुरू करने से पहले पानी निकालना और उसे काम करने लायक स्थिति में लाना चुनौतीपूर्ण है।


    रतलाम में शुक्रवार को पश्चिम रेलवे के अफसरों के समक्ष जब ठप पड़े काम का मुद्दा उठा, तो इन समस्याओं पर भी चर्चा हुई। जब तक सुरंग नहीं बनती, तब तक इंदौर और पीथमपुर रेल लाइन से नहीं जुड़ेंगे। जैसे ही सुरंग बनकर तैयार होगी, यात्री ट्रेन चलाई जाएगी। अफसरों ने बताया कि सुरंग के टेंडर हो गए हैं और काम अगले एक-दो महीने में शुरू हो जाएगा। तीन किलोमीटर लंबी यह सुरंग बनने में अभी भी डेढ़ साल का वक्त लगने का अनुमान है। यह सुरंग टीही से प्रस्तावित पीथमपुर स्टेशन के बीच बनना है। परेशानी यह है कि जब तक सुरंग नहीं बनती, तब तक धार की इंदौर से रेल कनेक्टिविटी नहीं हो पाएगी।

    40 करोड़ बचाने के लिए जोड़ी थी सुरंग

    इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के मूल प्रोजेक्ट में पीथमपुर के पास सुरंग बनाने का प्रस्ताव नहीं था, लेकिन 2008 में योजना स्वीकृति के बाद पश्चिम रेलवे के अफसरों ने उसमें सुरंग जुड़वा दी। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि जमीन अधिग्रहण में 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे और सुरंग इसकी आधी राशि से बन जाएगी। हालांकि अब इसकी लागत ढाई सौ करोड़ हो गई है।

     

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