भोपाल। मुरैना शराब कांड के बाद यह तथ्य सामने आया है कि प्रदेश में अवैध खनन, अवैध शराब विक्री का कारोबार पुलिस, आबकारी, वन एवं राजस्व विभाग की मिलीभगत से होता है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। पीएचक्यू ने आदेश जारी किया है। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। आदेश के बाद एक ही थाने में किसी भी कर्मचारी की एक पद पर पदस्थापना सामान्य रूप से 4 वर्ष तक ही रह सकती है या अधिक से अधिक 5 साल तक रह सकता है। सालों से जमे पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को 20 फरवरी से पहले हटाना होगा। पीएचक्यू ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिख इस संबंध में जानकारी अपडेट करने को कहा है। इसके साथ ही 20 फरवरी तक इस निर्देश का पालन करना जाना अनिवार्य किया है। पत्र में कहा गया है कि थानों में सिपाही से लेकर उप निरीक्षक स्तर के कर्मचारी अधिकारियों की पदस्थापना अवधि के संबंध में निर्देश का पालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए।
यह है पीएचक्यू की गाइडलाइन
किसी एक थाने में किसी भी कर्मचारी की एक पद पर पदस्थापना सामान्य तौर पर 4 वर्ष तथा अधिकतम 5 वर्ष से ज्यादा नहीं हो सकती है। किसी भी अधिकारी कर्मचारी को उपरोक्त अवधि की पदस्थापना पूर्ण होने के बाद उन्हें उस पद पर उसी थाने में पदस्थ नहीं किया जाएगा। किसी भी कर्मचारी की पृथक पदों पर किसी एक थाने में पुन: पदस्थापना में कम से कम 3 वर्ष का अंतराल आवश्यक है। आरक्षक से उपनिरीक्षक के पद पर किसी भी कर्मचारी की एक ही अनुभाग में विभिन्न पदों पर कुल पदस्थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होगी। उपरोक्त सेवाकाल में स्थानांतरण के साथ-साथ अटैचमेंट की समय अवधि भी शामिल रहेगी। सभी अपने जिले के प्रत्येक थाने में पदस्थ आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक की पदस्थापना के सेवाकाल का परीक्षण करें एवं उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन प्रतिवेदन 20 फरवरी 2021 तक पुलिस मुख्यालय प्रस्तुत करें।
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