नई दिल्ली (New Delhi)। महाराष्ट्र के पुणे(Pune of Maharashtra) जिले में शिरूर से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के एक पदाधिकारी ने सत्तारूढ़ गठबंधन (Ruling coalition)से उपमुख्यमंत्री अजित पवार(ajit pawar) और उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) को बाहर करने की मांग(Demand) की। सत्तारूढ़ गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी शामिल है। भाजपा की शिरूर तहसील के उपाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है, जिसमें वह पार्टी की एक बैठक में यह मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो के सामने आने पर राकांपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा हो गया और उन्होंने गुरुवार को भाजपा नेता से माफी की मांग की। चौधरी वीडियो में भाजपा नेतृत्व से कह रहे हैं, ‘आपके लिए यह सुझाव है। पार्टी कार्यकर्ता क्या सोच रहे हैं उसे समझिये। अगर आप कोई फैसला लेना चाहते हैं तो महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) से अजित पवार को बाहर करिये।’
उन्होंने यह भी कहा कि अगर अजित पवार सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं होते तो सुभाष देशमुख, राहुल कुलकर्णी और योगेश तिलेकर जैसे वरिष्ठ नेता मंत्री बन सकते थे और अन्य को सरकारी निगमों का प्रमुख बनाया जा सकता था। सुभाष देशमुख, राहुल कुलकर्णी और योगेश तिलेकर बैठक में मौजूद थे। चौधरी ने दावा किया कि भाजपा पिछले 10 वर्षों से पवार की आलोचना करती आ रही थी लेकिन राज्य में कार्यकर्ता अब भयभीत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उपमुख्यमंत्री ही मामलों की कमान संभाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तहसील में सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि उन्हें ऐसी शक्तियां नहीं चाहिए, जिसमें अजित पवार का हस्तक्षेप हो। चौधरी ने वीडियो में कहा, ‘अजित पवार को सत्ता में क्यों लाया जाये, ताकि वह आदेश जारी कर भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाज को दबा सकें।’ चौधरी ने शिरूर में हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुद्दे पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है।
इसबीच, जब चौधरी संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे तभी राकांपा के कुछ कार्यकर्ता यहां कृषि उपज बाजार समिति (APMC) परिसर पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। राकांपा कार्यकर्ताओं ने चौधरी से उपमुख्यमंत्री के खिलाफ दिये बयान पर माफी मांगने को कहा। चौधरी ने बाद में स्पष्ट किया कि उनके विचार निजी थे और इसका भाजपा के रुख से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने इस मुद्दे पर हंगामा करने वाले रांकपा कार्यकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा, ‘अगर मेरे शब्दों से अजित दादा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।’ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में चौधरी ने उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को ‘टैग’ करते हुए कहा कि वह जनता की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे और बाद में उन्हें “राकांपा के गुंडों” द्वारा धमकी दी गई। उन्होंने फडणवीस से पुलिस सुरक्षा देने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें उनकी जान का खतरा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वायरल वीडियो में भाजपा नेता को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘भाजपा कार्यकर्ता आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार के साथ गठबंधन के बजाए सत्ता से बाहर होना पसंद करेंगे। सत्ता में रहने का मतलब क्या है? हम काम करेंगे और वह हमारे बॉस बनेंगे और हमें आदेश देंगे…। हमें ऐसी सत्ता नहीं चाहिए।’
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन भाजपा कार्यकर्ता ने लंबे समय तक अजित पवार के खिलाफ लड़ा है, उन्हें अब उनके लिए काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने ‘बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ घोर अन्याय करने वाले’ पवार के साथ गठबंधन करने के तर्क पर भी सवाल उठाए।
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