अस्पताल के बाहर हो रहा ब्लैक, 1700 से लेकर 5 हजार तक वसूल रहे
इंदौर। कोविड मरीजों (covid Patients) के इलाज के लिए सबसे उपयोगी साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisivir Injection) की मांग काफी बढ़ गई है। इसका फायदा ब्लैक (Black) करने वाले उठा रहे हैं। रविवार को कुछ लोग अस्पतालों (Hospitals) के बाहर खड़े होकर इन इंजेक्शन को मनमाने दामों पर बेच रहे थे। जरूरतमंद लोग इसे खरीदने पर भी मजबूर थे।
रविवार को लॉकडाउन (Lockdown) होने के कारण अधिकांश मेडिकल स्टोर भी बंद थे, जिसका फायदा इन ब्लैक करने वालों ने उठाया। कोई भी मरीज भर्ती हो रहा है तो उसे सबसे पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisivir Injection) ही लगाया जा रहा है। पहले दिन दो डोज और अगले चार दिन में 1-1 डोज दिया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को ही यह इंजेक्शन लाने को कहा जा रहा है। इस इंजेक्शन की कमी शहर में दिखाई दे रही है। इसका फायदा ब्लैक करने वाले उठा रहे हैं।
ज्यादा आ गए हैं, इसलिए बेच रहे हैं
कल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospitals) के बाहर कुछ लोग यह कहकर इंजेक्शन बेच रहे थे कि हमारे पास यह इंजेक्शन ज्यादा हो गए हैं, इसलिए बेच रहे हैं, जिनके वे लोग 2200 रुपए से लेकर 5 हजार तक वसूल रहे थे। रविवार को अधिकांश मेडिकल स्टोर (Medical Stores) बंद होने के कारण लोगों को इन लोगों से इंजेक्शन खरीदने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि मरीजों को हर रोज इन्हें लगाना पड़ता है।
3 हजार में खरीदे इंजेक्शन
खिरकिया से आए रवींद्र भंडारी ने बताया कि पिता को सुपर स्पेशलिटी में भर्ती कराया है। उनके फेफड़े 80 प्रतिशत तक डैमेज बताए गए थे। हमसे कहा गया कि जल्दी रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करें। रविवार होने के कारण ज्यादातर दुकानें बंद थीं, इस कारण हमें मजबूरी में सडक़ पर बेचने वाले लोगों से 3 हजार में दो इंजेक्शन खरीदना पड़े।
एक साथ ही खरीद लिए
बड़वानी से पिता का इलाज कराने आए फाजल मंसूरी ने बताया कि हमें बताया गया कि आपके पिता को वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisivir Injection) लगाना पड़ेंगे तो हमने 1700 रुपए में पूरा पैकेट ही रख लिया, लेकिन इसे ठंडे में भी रखना जरूरी है, उसकी भी व्यवस्था कर रहे हैं। दिनभर अस्पताल (Hospitals) के आसपास ही रहकर दिन गुजार रहे हैं। इंजेक्शन लगाने के बाद पिता के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और जल्द ही उनकी छुट्टी भी कर रहे हैं।
दुकानदार भी वसूल रहे मनमाने दाम
लोगों ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन आसानी से शहर में नहीं मिल रहा है। हमें कई दुकानों पर भटकना पड़ रहा है। दवा बाजार में भी कई बार यह नहीं मिलता। कुछ दुकानदार तो इसे एमआरपी पर ही बेच रहे हैं। इंजेक्शन भी दो प्रकार के आ रहे हैं- एक लिक्विड और दूसरा पावडर वाला। लिक्विड को ठंडे में रखना जरूरी होता है, नहीं तो वह खराब हो जाता है।
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