नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा श्रीकृष्णजन्मभूमि विवाद में देश की अलग अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है. इसी बीच कुतुब मीनार मामले में मंगलवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने कुतुब मीनार को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि करीब 27 मंदिरों के 100 से ज्यादा अवशेष कुतुब मीनार में बिखरे पड़े हैं. उन्होंने कहा, कुतुब मीनार को लेकर हमारे पास इतने साक्ष्य हैं, जिन्हें कोई नकार नहीं सकता.
हरिशंकर जैन ने आजतक से बातचीत में कहा कि कुतुब मीनार के दक्षिण में आयरन पिलर के बराबर में जितनी भी आकृति आपको दिखती हैं, ये सब मंदिरों के अवशेष हैं, जिनको वहा पर लगाया गया. ऐसी कला और प्रतिमा हिंदू मंदिरों में आप आसानी से देख सकते है. उन्होंने दावा किया कि पूरा बरामदा ही अवशेषों से तैयार किया गया.
एएसआई किताबों से ली जानकारी
हरिशंकर जैन ने दावा किया है कि उनके पास जितने भी साक्ष्य हैं, वो सब उनके द्वारा एएसआई की किताबों से ली गई है. उन्होंने कहा, ये एएसआई का कहना है कि ये मंदिरों के अवशेष हैं. याचिकाकर्ता ने कहा, यहां मौजूद मंदिरों में जैन और हिंदू दोनों पूजा करते थे.
जैन ने कहा, हिंदू और जैन को लोग अलग न समझें. इसलिए मैं बता दूं कि जैनियों के मंदिरों में हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमा होती थी और लोग पूजा अर्चना करते थे. जहां जैन मंदिर होते थे, उसके आस पास उस समय हिंदू मंदिरों का निर्माण कराया जाता था. कुतुब मीनार उसका जीता जागता उदाहरण है. उन्होंने कहा, मैं बस कोर्ट से इन साक्ष्य के आधार ये मांगना चाहूंगा कि वहां पूजा शुरू हो. उन्होंने कहा, वहां जो हो गया, उसे बदला नहीं जा सकता लेकिन पूजा का अधिकार मिलना चाहिए.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved