इन्दौर (Indore)। पिछले दिनों कलेक्टर इलैया राजा टी. (Collector Ilaiah Raja T.) ने पीडब्ल्यूडी अफसरों (PWD officers) को कैट-राऊ रोड फोर लेन रोड प्रोजेक्ट में सेंटर लाइटिंग का प्रावधान नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस दिया था। अब ऐसी ही गलती होलकर प्रतिमा-बायपास रोड पर भी की जा रही है। इस रोड पर भी पीडब्ल्यूडी ने सेंटर लाइटिंग का प्रावधान नहीं किया है, जबकि शुरुआत से ही सडक़ पर लाइटिंग का प्रावधान होना चाहिए।
इतना जरूर है कि सडक़ के बीच में चार फीट चौड़े डिवाइडर बनाए जाएंगे, लेकिन सेंटर लाइटिंग के लिए रोड प्रोजेक्ट में कोई आर्थिक प्रावधान नहीं किया गया है। यह सडक़ शहर को बायपास से जोडऩे वाली महत्वपूर्ण रोड है और चौड़ी होने के बाद इस सडक़ पर वाहनों की आवाजाही कई गुना बढऩे वाली है। 2.71 किलोमीटर लंबी होलकर प्रतिमा-बायपास रोड के निर्माण पर विभाग 11.50 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि पीडब्ल्यूडी ने न तो खुद लाइटिंग का प्रावधान किया है न ही नगर निगम से औपचारिक रूप से सडक़ पर सेंटर लाइटिंग लगाने का आग्रह किया है।
कलेक्टर द्वारा पिछली टीएल बैठक में कैट-राऊ रोड प्रोजेक्ट में सेंटर लाइटिंग का प्रावधान नहीं करने पर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर मनोज सक्सेना को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिए थे। इस कार्रवाई के बाद विभागीय अफसर चौकन्ने हो गए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस रोड पर लाइट लगाने के लिए नगर निगम को औपचारिक रूप से कहा जाएगा। इतनी चौड़ी सडक़ों पर सेंटर लाइटिंग का प्रावधान वाहन चालकों की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर बहुत जरूरी है।
पहले भी ऐसा करता आया है विभाग
इससे पहले विभाग शहर में कई सडक़ें चौड़ी कर चुका है, तब भी ऐसी ही गलती की गई है। एयरपोर्ट रोड पहले पीडब्ल्यूडी के पास थी और पहली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान विभाग ने सडक़ चौड़ी की थी, तब भी स्ट्रीट लाइट का प्रावधान नहीं किया गया था। ऐसी ही गलती शहरी एबी रोड सिक्स लेन चौड़ी करने के दौरान की गई थी, जब राजीव प्रतिमा से राऊ और निरंजनपुर से मांगलिया के बीच सडक़ बनाई गई थी। लंबे इंतजार के बाद इन सभी सडक़ों पर नगर निगम को लाइट लगाना पड़ी थी। ऐसी ही गलती कैट-राऊ और होलकर प्रतिमा-बायपास रोड चौड़ीकरण प्रोजेक्ट में की गई है।
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