नई दिल्ली । देश के कई राज्यों में हुई धर्म संसद (Dharam Sansad) में अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर पीएम मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को खुला खत (letter) लिखा गया है. देश के चार पूर्व नौसेना प्रमुखों समेत 160 से ज्यादा प्रबुद्ध नागरिकों ने खुला खत लिखा है. सभी प्रबुद्ध लोगों ने खुले खत में कहा है कि धर्म संसदों में इस तरह की भाषा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, यह भाषा हिंसा को उकसाने वाली है. सभी ने पीएम मोदी से धर्म संसद में इस तरह की अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल पर कार्रवाई की मांग की है.
पीएम मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति कोविंद को लिखे खुले खद पर रिटायर्ड एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, रिटायर्ड एडमिरल आरके धवन आरके धवन और एक पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल एसपी त्यागी (रिटायर्ड) समेत कई और रिटायर्ड नौकरशाहों और जर्नलिस्ट समेत वकीलों और छात्रों ने हस्ताक्षर किए हैं. अपने पत्र में सभी प्रबुद्ध लोगों ने धर्म संसद की घटना पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि हरिद्वार में 17-19 दिसंबर तक हुई धर्म संसद (Haridwar Dharam Sansad) में दिए गए भाषणों से वह परेशान हैं.
‘आयोजित हो रहीं देशद्रोही बैठकें’
उन्होंने कहा कि बार-बार हिंदू राष्ट्र की स्थापना की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर हिंदू राष्ट्र इतना ही जरूरी है तो धर्म की रक्षा के नाम पर हथियार उठाकर भारत के मुस्लिमों की हत्या कर दी जाए. प्रबुद्ध नागरिकों को पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद के दौरान दिल्ली में भी बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर सार्वजनिक रूप से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा है कि दूसरी जगहों पर भी इसी तरह की देशद्रोही बैठकें आयोजित की जा रही है.
‘अभद्र भाषण देने वालों पर हो कार्रवाई’
सभी ने पीएम मोदी से इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है. खुले खत में मांग की गई है कि इस तरह की गतिविधियों में जिस भी पार्टी के लोगों ने नरसंहार की बात की है, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. प्रबुद्ध लोगों ने कहा कि इस तरह की चीजों की परमिशन नहीं दी जा सकती जो न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन हो बल्कि समाज को भी तोड़ दे. बता दें कि हाललही में हरिद्धार, दिल्ली और रायपुर में धर्म संसद का आयोजन किया गया था.
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