नई दिल्ली। तेल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। वहीं, कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत कम करने के लिए सऊदी अरब (Saudi Arab) सहित तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) नहीं माने तो भारत ने सऊदी अरब से तेल आयात में कटौती करने का फैसला किया है।
ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल के प्रोडक्शन (Production) में कटौती करने के फैसले से कच्चे तेल का रेट 70 डॉलर (Dollar) प्रति बैरल तक जा पहुंचा है। इस वजह से भारतीय ऑयल रिफाइनरीज ने अमेरिका (Amerika) से अधिक से अधिक तेल आयात करने का फैसला किया है, जिनकी कीमतें कम हैं।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल का आयातक देश है भारत
भारत (India) चीन (Chin) और जापान (Japan) के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल का आयातक देश है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्टेट रिफाइनरीज ने सऊदी अरब से तेल के आयात को कम करने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मई तक सऊदी अरब से तेल आयात को एक चौथाई कम कर दिया जाएगा।
दरअसल, मोदी सरकार (Modi Goverment) ने विनती से बात नहीं बनने पर नए विकल्प पर गौर करना शुरू कर दिया है। भारत सरकार अब तेल के लिए मिडिल ईस्ट देशों पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। भारत की रिफाइनरी कैपेसिटी 5 मिलियन बैरल रोजाना है। इसमें 60 फीसदी कंट्रोल स्टेट रिफाइनरी के पास है। ये सरकारी तेल कंपनियां करीब 14.8 मिलियन बैरल तेल एक महीने में सऊदी अरब से आयात करती हैं। मई तक इसे घटाकर 10.8 मिलियन बैरल पर लाने की योजना है।
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