भोपाल। ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal division) के 8 जिलों में बाढ़ (flood) से हुई भारी तबाही (heavy destruction) के बाद राज्य सरकार (state government) द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों (districts) के लिए 710 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया जा सकता है। विधानसभा सत्र (assembly session) के दूसरे दिन अनुपूरक बजट ( supplementary budget) पेश किया जाएगा, जिसमें बाढ़ (flood) पीडि़तों के लिए राहत राशि (relief amount) का ऐलान भी किया जा सकता है। राजस्व विभाग (revenue department) द्वारा अब तक किए गए नुकसानी के आकलन में बताया गया कि 30 लोगों की मौत हुई, 30 हजार मकान पूरी तरह ढह गए, जबकि 50 हजार से ज्यादा मकान (house) क्षतिग्रस्त हुए हैं। लगभग 36 हजार से ज्यादा पशुओं (animals) की भी बाढ़ में मौत हुई है। हालांकि अब तक पुल-पुलिया, सडक़ों की बर्बादी का आकलन नहीं किया गया है। राज्य सरकार ने बेघर लोगों के लिए पहले ही तत्काल 6-6 हजार की नकद राशि देने का ऐलान कर दिया है। मुआवजा राशि पीडि़त लोगों तक पहुंचे इसके लिए मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
कई पुल-पुलिया बहे…
ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal division) में आई बाढ़ (flood) में डूबे 8832 लोगों को जहां बचाया गया, वहीं 32 हजार को सुरक्षित स्थानों पर राहत कैम्पों में पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बाढ़ पीडि़त लोगों को तात्कालिक मदद के तौर पर 6-6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलिया, 7 बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे सैकड़ों करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
इन व्यवस्था के निर्देश
बाढ़ (flood) प्रभावित हर परिवार को 50-50 किलो गेहूं और आटा देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकार ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (public health engineering department) को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए तुरंत हैंडपंप चालू कराए जाएं। खाद्य विभाग के मुताबिक बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं। इसलिए राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ रही है।
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