भोपाल। मप्र देश का इकलौता राज्य है जहां कोरोना संक्रमितों के इलाज और उनके राहत के लिए सरकार ने सबसे कारगर कदम उठाए हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोरोना पीडि़तों की राहत वाली योजनाएं फाइलों में उलझ कर रह गई हैं। ऐसे में सरकारी मदद के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना संकट काल में पीडि़तों को राहत देने के लिए तीन प्रमुख योजनाएं लागू की, लेकिन उनका क्रियान्वयन लालफीताशाही में उलझ गया। सीएम कोविड-19 बाल सेवा कल्याण योजना, सीएम कोविड-19 अनुग्रह योजना और सीएम कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना में आवेदन तो बहुत आए, लेकिन मंजूरी और लाभ का दायरा कम है। सिर्फ बाल सेवा योजना में ही संतोषजनक स्थिति है। वहीं, अनुग्रह योजना में 552 आवेदन और अनुकंपा नियुक्ति के 854 आवेदन लंबित हैं। महज बाल सेवा योजना में सिर्फ 24 आवेदन लंबित हैं, यह भी क्रियान्वयन की तुलना में कम हैं। लोग योजनाओं का लाभ पाने के लिए भटक रहे हैं।
अफसरों की लापरवाही ने बढ़ाई परेशानी
कोरोना संक्रमण में अपनों को खोने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि सरकारी योजनाओं से उन्हें संबल मिलेगा। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर पीडि़त की सहायता का एंलान किया है। लेकिन अफसरों की लापरवाही ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। अनुग्रह और अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन ज्यादा लंबित होने की प्रमुख वजह पेचीदगिया व अफसरों की लापरवाही है। इनके आवेदनों के निराकरण में समय लगता है। कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। इसके अलावा अनेक मामलों में आवेदकों के स्तर परी त्रुटियां की गई हैं। यही वजह है कि अनुग्रह के करीब 277 और अनुकंपा नियुक्ति के 368 आवेदन रद्द किए गए हैं। बाल सेवा योजना में भी 93 आवेदन रद्द किए गए हैं।
आवेदनों की भरमार
सीएम कोविड-19 बाल सेवा कल्याण योजना, सीएम कोविड-19 अनुग्रह योजना और सीएम कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना के लिए प्रदेशभर से आवेदन किए गए है। बाल सेवा योजना में 55 आवेदन जबलपुर से,52 देवास से,45-45 ग्वालियर- छिंदवाडा से, 44 रतलाम से, 43 बालाघाट से, 42 राजगढ़ से, 39 इंदौर से, 33 भोपाल से आए हैं। अनुकम्पा नियुक्ति योजना में 72 आवेदन धार जिले से, 66 बड़वानी से, 64 छिंदवाड़ा से, 61 खरगोन से, 60 बैतूल से, 58 इंदौर से, 54 बालाघाट से, 53-53 सागर और भोपाल से आए हैं। वहीं अनुग्रह योजना से 73 आवेदन बालाघाट से, 67 धार से, 62 इंदौर से, 45 बड़वानी से, 44 सिवनी से, 43 छिंदवाडा, 38 बैतूल से, 37 खरगोन से और 33 भोपाल जिले से आए हैं।
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