नई दिल्ली(New Delhi) । राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली वक्फ बोर्ड धन शोधन (wakf board money laundering) मामले में एक आरोपी(accused) को अंतरिम जमानत(Interim bail) देने से इनकार करते हुए कहा कि उसे राहत देने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है।
विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने कौसर इमाम सिद्दीकी की याचिका खारिज कर दी। सिद्दीकी ने अपनी मां के अस्पताल में भर्ती होने और अपने बच्चों की देखभाल के लिए 30 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी।
यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्ला खान के कहने पर 36 करोड़ रुपए की संपत्ति की खरीद और बिक्री में कथित धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से संबंधित है।
न्यायाधीश ने सात जून को पारित आदेश में कहा कि ऐसा कोई बाध्यकारी कारण नहीं है जैसे कोई असाधारण परिस्थितियां हों जो आवेदक को अंतरिम जमानत देने को उचित ठहरा सकती हों। उन्होंने कहा कि लिहाजा आवेदन को खारिज किया जाता है।
सिद्दीकी ने अपनी अर्जी में कहा था कि उसे 24 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है और वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला है।
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