नई दिल्ली (New Dehli) । नई दिल्ली (New Dehli) । संसदीय (Parliamentary) समिति ने कहा कि ठगी (cheating) के शिकार ग्राहकों (customers ) को तीन दिन में अपने से हुए अपराध की रिपोर्ट रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा जा रहा है। यह अवधि बढ़ाकर 7 दिन कर देनी चाहिए। ग्राहकों को इससे राहत (Relief0 मिलेगी।
साइबर फ्रॉड में ग्राहकों के खातों से कटा पैसा उनके संबंधित बैंक व वित्तीय संस्थान खुद व तुरंत लौटाएं। यह सिफारिश वित्तीय मामलों पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने की है। लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट में भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने कहा कि आरबीआई को खुद ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहकों से ठगा गया पैसा ऑटोमेटिक प्रणाली से लौटाना अपनी जिम्मेदारी मानें। रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर अपराध लगातार नये-नये रूप में सामने आ रहे हैं, ग्राहकों को इनसे बचाने के लिए बेहद जटिल सुरक्षा तंत्र होना चाहिए।
तीन नहीं सात दिन में दर्ज हों शिकायतें
समिति ने कहा कि ठगी के शिकार ग्राहकों को तीन दिन में अपने से हुए अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा जा रहा है। यह अवधि बढ़ाकर 7 दिन कर देनी चाहिए। ग्राहकों को इससे राहत मिलेगी।
कई बार लेनदेन के एसएमएस क्यों नहीं आ रहे?
समिति ने एक अन्य गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया कि खातों से लेन-देन का एसएमएस ग्राहकों को अक्सर नहीं भेजा जा रहा। सूचनाएं तत्काल नहीं भेजी जाएंगी, तो अपराधियों द्वारा खातों से पैसा उड़ाते वक्त भी लोगों को सूचना नहीं मिलेगी और अपराध होता रहेगा। संसदीय समिति ने कड़े शब्दों में कहा-संस्थान एसएमएस नोटिफिकेशन सेवाएं तत्काल सुधारें।
देश में डाटा सुरक्षा कानून की तत्काल जरूरत…
वहीं, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने देश में साइबर अपराध के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने और डिजिटल युग में नागरिकों के हितों और अधिकारियों की रक्षा के लिए डाटा सुरक्षा कानून लाने की सख्त जरूरत बताई है। समिति ने अपनी 48वीं रिपोर्ट में कहा है कि डाटा सुरक्षा कानून को लागू करने में देरी से लोगों को विभिन्न तरह के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही नागरिकों के गोपनीयता अधिकारों से भी समझौता करना पड़ सकता है। समिति ने कानून को तत्काल अमलीजामा पहनाने की पूरजोर वकालत की है।
विदेश जाने वाले एससी छात्रों को वित्तीय सहायता बढ़ाए दिल्ली सरकार…
दिल्ली सरकार विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए वित्तीय सहायता पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करे और सहायता अवधि को न्यूनतम पांच वर्ष तक बढ़ाए। ये सुझाव अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति ने मंगलवार को लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट में दिया। वर्तमान में दिल्ली सरकार 2019-20 में शुरू की गई विदेश में उच्च अध्ययन करने वाले एससी छात्रों के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत दो साल की अवधि के लिए प्रति छात्र 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
महिला जब काम के बाद घर नहीं लौटी तो उसके परिवारवाले परेशान हो गए। उन्होंने इसे लेकर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। घरवालों ने उसका पता लगाने का बहुत प्रयास किया, मगर कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार 2 दिन बाद लिफ्ट में महिला की डेडबॉडी मिली। ओल्गा लियोन्टीवा शादीशुदा थीं। उनकी 6 साल की बेटी है, जो अब रिश्तेदारों की देखरेख में है। यह बच्ची अपनी मां को भूल नहीं पा रही और रो-रोकर उसका बुरा हाल है।
मेड इन चाइना थी लिफ्ट
लिफ्ट में फंसने की घटना को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। शुरुआती जांच में पाया गया कि यह चीन निर्मित लिफ्ट है जो घटना के वक्त चालू हालत में थी। हालांकि, इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। आउटलेट के अनुसार, महिला के लिफ्ट में फंसने की घटना जिस दिन हुई तब बिजली कटौती नहीं हुई थी। इसे लेकर स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए गए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हादसे का कारण लिफ्ट में खराबी माना गया है।
बिजली गुल होने से लिफ्ट में फंसी महिला की मौत
गौरतलब है कि इसी तरह की घटना पिछले हफ्ते इटली के पलेर्मो में हुई थी। यहां 61 वर्षीय महिला के लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई थी। फ्रांसेस्का मार्चियोन जब लिफ्ट में थी तभी बिजली कट गई और पूरी कॉलोनी में अंधेरा छा गया। घटना की जानकारी मिलते ही इमरजेंसी सर्विस को घटनास्थल पर बुलाया गया, मगर तब तक महिला दम तोड़ चुकी थी। लिफ्ट को खोलने पर अंदर उसका शव मिला। लिफ्ट में बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता की स्थिति बन गई है। इस तरह के मामलों में गहन जांच की मांग हो रही है।
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